असम में बाढ़ से हाल बेहाल

देश के पूर्वोत्तर हिस्से असम में भारी बारिश से भयंकर बाढ़, हालत चिंताजनक

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असम फ्लड
देश का बड़ा हिस्सा इस वक्त गर्मी की चपेट में है, वहीं कर्नाटक और पूर्वोत्तर से भारी बारिश और भूस्खलन की भयावह खबरें सामने आई हैं.

दिल्ली - देश का बड़ा हिस्सा इस वक्त गर्मी की चपेट में है, वहीं कर्नाटक और पूर्वोत्तर से भारी बारिश और भूस्खलन की भयावह खबरें सामने आई हैं। दक्षिण-पश्चिम मानसून तेज बारिश के कारण बंगलुरू शहर के कई हिस्सों में जल-जमाव हो गया. भारी बारिश के कारण कई निचले इलाकों में घुटनों तक पानी भर गया. जिससे वाहनों की आवाजाही लगभग ठप रही। हर बारिश के बाद देश के बड़े और आधुनिक शहरों की यही कहानी है। सालों साल एक जैसी कहानी देखते और झेलते हुए भी जनता ने इसे अपने जीवन का सच मान लिया है।

ऐतिहासिक इमारतों की छानबीन में व्यस्त देश को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ रहा कि उसके आज के जीवन के साथ कैसा खिलवाड़ किया गया है। किस तरह स्मार्ट सिटी के नाम पर जनता को बेवकूफ बनाया गया है। किस मंदिर की जमीन पर कौन सी मस्जिद बनी, इन सवालों में उलझे हुए लोग इस बात से खुश हैं कि उनका धर्म बच जाएगा। लेकिन एक नागरिक के तौर पर उनके बेहतर जीवन के अधिकार जरा सी बारिश में बह जाते हैं, इस बात की चिंता करने के लिए भारत के लोग कब जागेंगे, ये देखना होगा।
बाढ़ का भयावह मंजर पूर्वोत्तर में भी देखने मिला है। भारी बारिश के कारण अब तक पांच लाख लोग प्रभावित हो चुके हैं और कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई है। असम के कई जिलों सहित त्रिपुरा, मिजोरम और मणिपुर के कुछ हिस्सों से सड़क और रेल संपर्क टूट गया है। असम के कई इलाकों में भूस्खलन से भारी तबाही हुई है। दीमा हसाओ जिले का हाफलोंग स्टेशन तो पूरी तरह पानी में डूब गया है। यहां का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें नजर आ रहा है कि स्टेशन पर खड़ीं ट्रेनें भी पटरी से पलट गई हैं। अब इन ट्रेनों का इस्तेमाल शायद ही किया जा सके।
बाढ़ के कारण हजारों हेक्टेयर भूमि पर खड़ी फसल बर्बाद हो गई। संचार और यातायात ठप्प होने से रोजमर्रा के कारोबार पर भी असर पड़ा है। एक बारिश से कितना नुकसान हुआ है इसका आकलन आने वाले वक्त में होगा और इस नुकसान की भरपाई कैसे होगी इस बारे में अभी कुछ कहा नहीं जा सकता। सरकार ने सेना, अर्धसैनिक बलों, अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं, एसडीआरएफ, नागरिक प्रशासन और प्रशिक्षित स्वयंसेवकों को लोगों के बचाव के लिए तैनात किया है। उन्हें बाढ़ प्रभावित इलाकों से निकाल कर राहत कैंप में ले जाया जा रहा है। मगर इन तात्कालिक उपायों से क्षणिक राहत ही मिल पाएगी। जिन लोगों का घर, कारोबार, खेत सब बर्बाद हो गया है वे आगे किस तरह जीवनयापन करेंगे, इस बारे में भी जल्द से जल्द कोई कदम सरकार को उठाना होगा।
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