कर्ज़ से बेहाल बिजली कंपनियों को खरीदने को आमने-सामने आए अंबानी और अडानी ग्रुप

आमने सामने आए अंबानी और अडानी ग्रुप, NTPC भी लगाएगा बोली
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बिजली कंपनिया
SKS पावर जनरेशन ने दो बड़े बैंकों बैंक ऑफ बडौदा और स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लिया है। BoB से इस कंपनी ने 1,890 करोड़ का कर्ज लिया है। BoB के पास अभी 1,740 करोड़ रुपए का कर्ज का बड़ा शेयर हिस्सा है, जबकि भारतीय स्टेट बैंक अन्य लेनदार है जिसका 150 करोड़ रुपए बकाया है। इस कंपनी को खरीदने के लिए 28 जुलाई सबमिशन का आखिरी दिन था। बोलीदाताओं के लिए कट-ऑफ 300 करोड़ रुपए निवल मूल्य और 1,000 करोड़ रुपए मैनेज प्रॉपर्टी निर्धारित की गई थी।

रायपुर. छत्तीसगढ़ की इस बिजली पैदा करने वाली कंपनी को खरीदने का मुकाबला अडानी और अंबानी ग्रुप के आ जाने से दिलचस्‍प हो चुका है। ET की एक रिपोर्ट के अनुसार, SKS Power को खरीदने के लिए अडानी और अंबानी के अलावा, टोरेंट पावर, जिंदल पावर लिमिटेड, वेदांता ग्रुप, डीपी पावर, सारदा एनर्जी एंड मिनरल्स, जिंदल इंडिया थर्मल, आदित्‍य बिरला एआरसी, फोएनिक्‍स एआरसी व प्रुडेंट एआरसी शामिल हैं। 

दो बैंकों के भारी कर्ज में डूबी बिजली का उत्‍पादन करने वाली कंपनी SKS Power Generation बिकने के लिए तैयार है, जिसे खरीदने के लिए अंबानी और अडानी ग्रुप आमने सामने आ चुके हैं। मुकेश अंबानी कि रिलायंस इंडस्‍ट्रीज लिमिटेड, गौतम अडानी की अडानी पॉवर और NTPC समेत दो दर्जन कंपनियों ने इसे खरीदने की दिलचस्‍पी दिखाई है।

SKS पावर जनरेशन ने दो बड़े बैंकों बैंक ऑफ बडौदा और स्‍टेट बैंक ऑफ इंडिया से कर्ज लिया है। BoB से इस कंपनी ने 1,890 करोड़ का कर्ज लिया है। BoB के पास अभी 1,740 करोड़ रुपए का कर्ज का बड़ा शेयर हिस्सा है, जबकि भारतीय स्टेट बैंक अन्य लेनदार है जिसका 150 करोड़ रुपए बकाया है। इस कंपनी को खरीदने के लिए 28 जुलाई सबमिशन का आखिरी दिन था। बोलीदाताओं के लिए कट-ऑफ 300 करोड़ रुपए निवल मूल्य और 1,000 करोड़ रुपए मैनेज प्रॉपर्टी निर्धारित की गई थी।

एसकेएस फर्म की क्षमता 600 मेगावाट उत्पादन करने की है, जिसमें से 300 मेगावाट वर्तमान में चालू हालत में है। पिछले महीने ईटी ने बताया कि एनटीपीसी को प्लांट के संचालन और रखरखाव का काम तब तक सौंपा गया है जब तक कि बैंक ऑफ बड़ौदा को खरीदार नहीं मिल जाता। संयंत्र का SECL (साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड) के साथ 25 वर्षों का ईंधन समझौता है। इस कंपनी के साथ राजस्थान, बिहार और छत्तीसगढ़ के साथ बिजली खरीद समझौते भी हैं।

नवीन जिंदल समूह का एक हिस्सा जिंदल पावर और वेदांत रिसोर्सेज जैसे कुछ बोलीदाताओं के पास संयंत्र के पास परिचालन है और इसलिए इस संपत्ति को प्राप्त करना उनके लिए एक अच्छा मौका माना जा रहा है। वहीं दिलचस्प बात यह है कि इसके पिछले प्रमोटर अतुल गुप्ता, जिन्होंने एग्रीट्रेड के नेतृत्व वाले ओटीएस से पहले 4,200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था, उन्‍होने भी कंपनी को संभालने के लिए रुचि व्यक्त की है।

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