बीजेपी पर भड़के असदुद्दीन ओवैसी, कहा- नूपुर शर्मा पर पहले हो जाती कार्रवाई तो हिंसा नहीं होती
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नई दिल्ली : नूपुर शर्मा पर कार्रवाई को लेकर एक बार फिर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। ओवैसी ने कहा कि नूपुर शर्मा के बयान के बाद उन पर एक्शन लेने में बीजेपी को 10 दिन क्यों लगे? ओवैसी ने आगे कहा कि अगर नूपुर शर्मा पर पहले ही कार्रवाई कर दी जाती तो कानपुर में हिंसा ही नहीं होती। सरकार की जिम्मेदारी है कि वो हिंसा को रोके।
ओवैसी ने कहा कि प्रधानमंत्री, सरकार और भारतीय जनता पार्टी को कार्रवाई में देर क्यों लगी। पहले ही एक्शन ले लेना चाहिए था। एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि 2014 के बाद से मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ गई हैं। आप किसी का घर क्यों तोड़ते हैं? आप चीफ जस्टिस हैं क्या? बुलडोजर से देश का संविधान कमजोर होगा। पहले भी असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि ये सरकार तो बुलडोजर की राजनीति करती है। जब भी कहीं कुछ होता है तो बुलडोजर चलवा देती है, तो क्या अब नूपुर शर्मा के घर पर बुलडोजर चलेगा?
ओवैसी ने साफ शब्दों में कहा कि उनपर एफआईआर दर्ज है तो कानून को अपना काम करना चाहिए। बता दें कि इससे पहले एआईएमआईएस चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि नुपुर शर्मा की गिरफ्तारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नूपुर शर्मा ने कोई माफी नहीं मांगी है बल्कि अपने बयान में अंग्रेजी में 'इफ' लिखा है। उन्होंने माफी कहां मांगी? उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था कि देश के मुसलमानों की बात आती है तो पीएम मोदी उनकी सुनते नहीं हैं। उन्होंने बीजेपी पर देश के मुसलमानों को अपमानित करने का आरोप लगाया था।
ओवैसी ने आगे कहा कि मैं कानपुर मामले में सही गलत का फैसला नहीं दे सकता। हम हिंसा के साथ नहीं खड़े हैं। हम कह रहे हैं कि सरकार ने पहले कुछ किया होता तो हिंसा ही नहीं होती। पहले ही कार्रवाई हो जाती तो ये किस्सा खत्म हो जाता। अगर नूपुर शर्मा पर कार्रवाई कर दी जाती तो कानपुर में हिंसा ही नहीं होती। अब वहां पर मुस्लिमों पर एनएसए लग रहा है।