सपा नेता आजम खान को बड़ी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने नियमित जमानत के साथ रामपुर जाने की इजाजत दी

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को रामपुर जाने से रोकने के आदेश देने से इनकार कर दिया है.
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आजम खान
आजम खान ने आरोप लगाया था कि स्थगन आदेश के बावजूद उत्तर प्रदेश सरकार ने जौहर विश्वविद्यालय परिसर से कांटेदार तार की बाड़ नहीं हटाई, जिससे उसके संचालन में परेशानियां आ रही हैं.

नई दिल्ली - समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के नेता आजम खां को राहत देते हुए उन्हें रामपुर जाने से रोकने का आदेश देने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को जौहर यूनिवर्सिटी के पास जमीन को तुरंत डीसील करने के आदेश दिए हैं.

दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार ने शीर्ष न्यायालय से मांग की थी कि उन्हें रामपुर जाने की इजाजत ना दी जाए, हालांकि कोर्ट ने कहा कि वह यूपी सरकार की मांग से प्रभावित नहीं हैं. उत्तर प्रदेश सरकार को जौहर विश्वविद्यालय परिसर से कांटेदार तार की बाड़ हटाने का आदेश दिया, जिससे विश्वविद्यालय के संचालन में परेशानियां आ रही हैं. कोर्ट ने आजम को नियमित जमानत भी दी.

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की उस शर्त को हटाया जिसमें कथित तौर पर कब्जा की गई 13 एकड़ जमीन प्रशासन को देने को कहा था. कोर्ट ने इलाहाबाद HC की ओर से लगाई गई शर्तों पर नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने कहा- ये एक नया ट्रेंड बन गया है कि जब विभिन्न HC गैरज़रूरी टिप्पणी कर रहे हैं, ज़मानत देते वक़्त ग़ैर ज़रूरी शर्त लगा रहे हैं.

इससे पहले, शीर्ष अदालत की अवकाशकालीन पीठ ने 27 मई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा खान की जमानत को लेकर लगाई गई शर्त को प्रथम दृष्टया असंगत बताते हुए कहा था कि यह दीवानी अदालत की डिक्रीकी तरह लगती है.

इसके साथ ही पीठ ने रामपुर के जिलाधिकारी को विश्वविद्यालय से जुड़ी भूमि पर कब्जा करने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा जारी निर्देशों पर रोक लगा दी थी. पीठ ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 10 मई के फैसले का जिक्र करते हुए कहा था कि यह कहा गया था कि याचिकाकर्ता (खान) को उम्र और उनके स्वास्थ्य के आधार पर जमानत दी जा रही है.

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