काले कपड़ों में PM MODI का कुंभ स्नान का फोटो शेयर कर कांग्रेस का बीजेपी पर वार

मोदी जी तो काले कपड़े में कुंभ स्न्नान कर रहे हैं, दिग्विजय ने अमित शाह पर किया तंज
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पीएम मोदी
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया है कि ‘अमित शाह जी मोदी जी प्रयागराज कुंभ मेले में गंगा स्नान काले कपड़े पहन कर रहे हैं। इस पर कुछ कहेंगे?’ दिग्विजय सिंह ने पूर्व आईपीएस अधिकारी विजय शंकर सिंह के एक ट्वीट को रिट्वीट कर यह लिखा है।

दिल्ली. 5 अगस्त को कांग्रेस द्वारा काले कपड़े पहन कर प्रदर्शन किया गया था कांग्रेस के काले कपड़े पहन कर प्रदर्शन करने पर गृह मंत्री अमित शाह ने इसे राम मंदिर निर्माण दिवस से जोड़कर कांग्रेस पर हमला बोला था। अब इसे लेकर मध्य प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अमित शाह पर पलटवार किया है। उन्होंने काले कपड़ों में कुंभ स्नान करते हुए पीएम मोदी की एक तस्वीर शेयर की है।

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने अमित शाह के बयान पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया है कि ‘अमित शाह जी मोदी जी प्रयागराज कुंभ मेले में गंगा स्नान काले कपड़े पहन कर रहे हैं। इस पर कुछ कहेंगे?’ दिग्विजय सिंह ने पूर्व आईपीएस अधिकारी विजय शंकर सिंह के एक ट्वीट को रिट्वीट कर यह लिखा है।


इस मामले पर पूर्व आईपीएस विजय शंकर ने भी सरकार पर तंज कसा है।विजय शंकर सिंह ने ट्वीट में लिखा था कि ‘मोदी जी की यह फोटो, काले कपड़ो में फरवरी 2019 की है। जब वे प्रयाग कुंभ में स्नान कर रहे हैं। काले कपड़े पहन कर महंगाई आदि जनहित के मुद्दो पर किए गए प्रदर्शन के बारे में यह कहा जा रहा है कि काले कपड़े, राममंदिर के विरोध में थे तो क्या इस स्नान को कुंभ का विरोध कहा जा सकता है?’

इसके साथ ही पीएम मोदी की तस्वीर शेयर कर उन्होंने लिखा कि ‘मेरा उत्तर होगा, बिलकुल नहीं। किन कपड़ो मे कोई स्नान करता है यह उसकी मर्जी है। इसी प्रकार, आंदोलन कैसे हो, यह उसकी रणनीति बनाने वाले जानें। कपड़ों से पहचानना छोड़िए सरकार, रोटी कपड़ा और मकान पर बात कीजिए।

इस मामले पर सोशल मीडिया पर लोगों ने भी अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं अनिल नाम के यूजर ने लिखा कि ‘लोकतंत्र में विरोध दिखाने के लिए काले कपड़े से बेहतर कोई कलर नहीं। भगवान के सभी कार्य तिथि के हिसाब से तय किए जाते है, तारीख के हिसाब से नहीं। मुद्दो से भटकाने से अब बात नहीं बनने वाली। विरोध महंगाई का था और रहेगा।’ अनुभव तिवारी ने लिखा कि ‘ये भी तो नेहरू की ही गलती है।’

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