नूपुर शर्मा के समर्थन में आई हिन्दू सेना, सुप्रीम कोर्ट को भेजी पत्र याचिका

हिन्दू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में उतर आए हैं. विष्णु गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र याचिका भेजी है.
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नूपुर शर्मा
विष्णु गुप्ता ने पत्र याचिका में कहा है कि, नूपुर ने वही कहा है जो धर्मग्रंथों में लिखा है. हिन्दू देवी-देवताओं पर भी बहुत सी टिप्पणियां होती हैं लेकिन हिन्दू तो हिंसा और उपद्रव पर उतारू नहीं होते हैं.

नई दिल्ली - पैगंबर मोहम्मद पर तथाकथित विवादित बयान को लेकर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा (Nupur Sharma) को जहां सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने फटकार लगाई तो वहीं अब हिन्दू सेना के अध्यक्ष (Hindu Sena President) विष्णु गुप्ता उनके समर्थन में उतर आए हैं. विष्णु गुप्ता (Vishnu Gupta) ने सुप्रीम कोर्ट को एक पत्र याचिका भेजी है.

इस पत्र याचिका में विष्णु गुप्ता ने कहा है, नूपुर ने वही कहा है जो धर्मग्रंथों में लिखा है. हिन्दू देवी-देवताओं पर भी बहुत सी टिप्पणियां होती हैं लेकिन हिन्दू तो हिंसा और उपद्रव पर उतारू नहीं होते हैं. सुप्रीम कोर्ट  ने अपनी टिप्पणी से एक तरह से क्रूर हत्या को भी सही ठहरा दिया है वो अपनी टिप्पणी वापस ले.

याचिका में उन्होंने नूपुर की सुरक्षा पर विचार करने की बात कही है और साथ ही सभी केस को एक जगह ट्रांसफर करने की मांग की है. बता दें कि इसके पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाते हुए कहा था कि वो नूपुर शर्मा के साथ फिर से पूछताछ करे. दरअसल बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा पर पैगंबर मोहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी करने का आरोप है.

नूपुर शर्मा के खिलाफ इस मामले में कई एफआईआर दर्ज की गई है. इन सभी एफआईआर को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग को लेकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी. जिस पर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत ने नूपुर शर्मा को कड़ी फटकार लगाई. साथ ही दिल्ली पुलिस पर भी सख्त टिप्पणी की थी.

सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा से पछा, "दिल्ली में दर्ज FIR में क्या कार्रवाई हुई है? यहां तो शायद आपके लिए पुलिस ने रेड कारपेट बिछा रखा है? आपको विशेष दर्जा मिल रहा है लेकिन ऐसा दर्जा कोर्ट में नहीं मिलेगा. आप हर राज्य की हाई कोर्ट में जाकर अपनी बात रखिए, निचली अदालत से जमानत लीजिए."

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे बी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने कहा था कि, 'उनका (नूपुर शर्मा का) अपनी जुबान पर काबू नहीं है और उन्होंने टेलीविजन चैनल पर गैर-जिम्मेदाराना बयान दिए हैं तथा पूरे देश को आग में झोंक दिया है. फिर भी वह 10 साल से वकील होने का दावा करती हैं. उन्हें अपनी टिप्पणियों के लिए तुरंत पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए थी.'

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