भारत ने किया लेजर-गाइडेड एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण, जानें इसकी ताकत

अब गोले के साथ दागेगा मिसाइल अर्जुन टैंक, जानिए 
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लेज़र गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) ने पूरी सटीकता के साथ टारगेट पर निशाना लगाया. हैरानी की बात ये है कि ये मिसाइल नजदीक और दूर दोनों टारगेट्स को मारकर गिराने में सक्षम है. इस दौरान मिसाइल की टेलीमेट्री और फ्लाइट परफॉर्मेंस सही थी. इस स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल में टैंडम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (HEAT) हथियार लगा है, जो अत्याधुनिक एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) कवच वाले बख्तरबंद वाहनों को छेद सकता है. यानी आज के जमाने का कोई टैंक या बख्तरबंद वाहन इससे बच नहीं सकता

दिल्ली. रक्षा मंत्रालय ने कहा, “डीआरडीओ और भारतीय सेना ने युद्धक टैंक ‘अर्जुन’ के माध्यम से स्वदेशी रूप से विकसित लेजर-गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का परीक्षण सफलतापूर्वक किया।” रक्षा मंत्रालय ने कहा, “मिसाइलों ने दो अलग-अलग रेंज मे सटीक रूप से लक्ष्यों को साधते हुए इन्हें सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। ‘टेलीमेट्री’ प्रणाली ने मिसाइलों के संतोषजनक उड़ान प्रदर्शन को दर्ज किया है।” 

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) और भारतीय सेना ने गुरुवार (4 अगस्त, 2022) को स्वदेशी रूप से तैयार की गई लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) का सफल परीक्षण किया है। महाराष्ट्र के केके रेंज में मुख्य युद्धक टैंक (एमबीटी) अर्जुन से बख्तरबंद कोर सेंटर और स्कूल (ACC&S) अहमदनगर के सपोर्ट से यह परीक्षण किया गया।

लेजर गाइडेड एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ने सटीकता के साथ टारगेट पर निशाना दागा। मिसाइल का दो अलग-अलग रेंज में निर्धारित लक्ष्यों पर परीक्षण किया गया। यह नजदीक और दूर दोनों टारगेट्स को मारकर गिराने में सक्षम है। इस दौरान मिसाइल की टेलीमेट्री और फ्लाइट प्रदर्शन सही था।

टैंक

लेज़र गाइडेड एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM) ने पूरी सटीकता के साथ टारगेट पर निशाना लगाया. हैरानी की बात ये है कि ये मिसाइल नजदीक और दूर दोनों टारगेट्स को मारकर गिराने में सक्षम है. इस दौरान मिसाइल की टेलीमेट्री और फ्लाइट परफॉर्मेंस सही थी. इस स्वदेशी एंटी-टैंक मिसाइल में टैंडम हाई एक्सप्लोसिव एंटी-टैंक (HEAT) हथियार लगा है, जो अत्याधुनिक एक्सप्लोसिव रिएक्टिव आर्मर (ERA) कवच वाले बख्तरबंद वाहनों को छेद सकता है. यानी आज के जमाने का कोई टैंक या बख्तरबंद वाहन इससे बच नहीं सकता।

टैंक से दागे जाने वाले ATGM तके साथ दिक्कत आती है कम ऊंचाई और कम दूरी पर हमला करना. क्योंकि टैंक की बैरल इतनी नीचे नहीं जाती. डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने या रक्षा मंत्रालय ने अधिकारियों ने यह नहीं बताया कि यह कौन सा ATGM था. उसकी कितनी रेंज थी. मारक क्षमता कितनी थी...लेकिन हम आपको भारतीय एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों के बारे में बताते हैं. भारत के पास 10 एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें हैं. जो दुश्मन के तोपों की हालत खराब कर सकते हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में...Launcher

भारतीय सेना के पास स्पाइक MR और स्पाइक एलआर एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों की संख्या 400 से ज्यादा है. वहीं, भारतीय एयरफोर्स ने Mi-17 हेलिकॉप्टर्स के लिए स्पाइक-एनएलओएस (Spike-NLOS) मंगाए हैं. स्पाइक को इजरायल ने बनाया है. 1981 से दुनिया भर के अलग-अलग देशों में इसकी तैनाती है. 9 से ज्यादा युद्धों में उपयोग किया जा चुका है. अब तक 28,500 से ज्यादा यूनिट्स बन चुके हैं. इसके तीव वैरिएंट्स हैं- स्पाइक-ईआर, स्पाइक एमआर/एलआर और स्पाइक एसआर. लंबाई 3.11 फीट से 5.6 फीट तक होती है. 30 सेकेंड में लॉन्च होने के लिए तैयार हो जाती है. 15 सेकेंड में फिर रीलोड हो जाती है. फायरिंग रेंज 1.5 से 25 किलोमीटर है. इसमें टैंडेम चार्ज हीट वॉरहेड लगाया जाता है।

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के सफल प्रदर्शन के लिए डीआरडीओ और भारतीय सेना की सराहना की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष जी सतीश रेड्डी ने लेजर गाइडेड एटीजीएम के परीक्षण फायरिंग से जुड़ी टीमों को बधाई दी।

इससे दो महीने पहले 6 जून को अग्नि -4 मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया था। इसे ओडिशा के एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से लॉन्च किया गया था। अग्नि-4 की खास बात यह है कि यह एक इंटरमीडिएट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जो परमाणु हमले में सक्षम है। इसके साथ ही 4000 किलोमीटर तक वार कर सकती है। डीआरडीओ ने इस मिसाइल को विकसित किया है।

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