मणिपुर में छठे-सातवें संशोधन विधेयक पेश होने के बाद भड़की हिंसा; 5 दिन इंटरनेट बंद

दो महीने के लिए चुराचांदपुर और बिष्णुपुर जिलों में सीआरपीसी की धारा-144 लागू की गई है
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दरअसल, पिछले मंगलवार को मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने मणिपुर (पर्वतीय क्षेत्र) जिला परिषद छठे एवं सातवें संशोधन विधेयक पेश किए थे। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक ये विधेयक उनकी मांगों के अनुरूप नहीं हैं। बिष्णुपुर जिले में कुछ अज्ञात लोगों ने एक वैन में आग लगा दी थी।
मणिपुर विधानसभा में पारित 3 विधेयकों के विरोध में राज्य में भड़की हिंसा में अब तक कुल 8 लोगों की मौत हो चुकी है और कई घायल हो गए हैं। 

इंफाल-  नए विधेयक के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन, मणिपुर ने इंफाल में काफी हंगामा किया। ट्राइबल छात्रों के संगठन द्वारा राजमार्गों पर असीमित आर्थिक नाकाबंदी की गई, इस दौरान तोड़फोड़ और गाड़ियों में आगजनी की गई। मणिपुर में राजधानी इंफाल समेत कई जिलों में 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गईं हैं। राज्य के बिष्णुपुर जिले में एक समुदाय के 3 से 4 लोगों ने शनिवार शाम को एक वैन में आग लगा दी थी, जिसके बाद जिले में संप्रदायिक तनावपुर्ण की स्थिति पैदा हो गई। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है। 

दरअसल, पिछले मंगलवार को मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने मणिपुर (पर्वतीय क्षेत्र) जिला परिषद छठे एवं सातवें संशोधन विधेयक पेश किए थे। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक ये विधेयक उनकी मांगों के अनुरूप नहीं हैं। बिष्णुपुर जिले में कुछ अज्ञात लोगों ने एक वैन में आग लगा दी थी।

सरकार ने अगले दो महीने के लिए चुराचांदपुर और बिष्णुपुर में धारा 144 लगाई है। जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार द्वारा पेश छठे एवं सातवें संशोधन विधेयक का लोग विरोध जता रहे हैं।इधर, पुलिस ने स्टूडेंट यूनियन की विरोध रैली रोकने की कोशिश की, जिससे गतिरोध शुरू हो गया और 30 से अधिक आदिवासी छात्र घायल हो गए। वहीं, मौके पर से पुलिस ने पांच आदिवासी छात्र नेता को गिरफ्तार किया और 15 दिनों के रिमांड पर भेज दिया। अब छात्र संगठन अपने गिरफ्तार नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं।

दरअसल, पिछले मंगलवार को मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने मणिपुर (पर्वतीय क्षेत्र) जिला परिषद छठे एवं सातवें संशोधन विधेयक पेश किए थे। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक ये विधेयक उनकी मांगों के अनुरूप नहीं हैं। बिष्णुपुर जिले में कुछ अज्ञात लोगों ने एक वैन में आग लगा दी थी।

दरअसल, पिछले मंगलवार को मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह की अगुवाई वाली भाजपा सरकार ने मणिपुर (पर्वतीय क्षेत्र) जिला परिषद छठे एवं सातवें संशोधन विधेयक पेश किए थे। प्रदर्शनकारियों के मुताबिक ये विधेयक उनकी मांगों के अनुरूप नहीं हैं। बिष्णुपुर जिले में कुछ अज्ञात लोगों ने एक वैन में आग लगा दी थी।

 जिसके बाद सांप्रदायिक तनाव की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार ने 5 दिनों तक इंटरनेट सेवा पर रोक लगाई।जिसके विरोध में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (ATSUM) कई दिनों से हंगामा कर रहे हैं। शनिवार को ATSUM ने इंफाल समेत कई जिलों में काफी हंगामा किया।पुलिस के मुताबिक तनावपुर्ण इलाकों में कानून व्यवस्था और शांति बनाए रखना उनकी पहली प्राथमिकता है। राज्य के गृह मंत्रालय के विशेष सचिव एच ज्ञान प्रकाश का कहना है कि कुछ असमाजिक तत्व राज्य में सोशल मीडिया के माध्यम से हेट स्पीच फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

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