राष्ट्रपति चुनावों को लेकर ममता बनर्जी का बड़ा दांव, 15 जून को दिल्ली में बुलाई विपक्षी दलों की बैठक

ममता ने लिखा कि भारत में गणतंत्र पूरी तरह से खत्म हो रहा है ऐसे में पूरे विपक्ष को एक साथ आना चाहिए।
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ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को विपक्षी दलों के नेताओं को पत्र लिखकर उनसे आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त रणनीति तैयार करने को लेकर 15 जून को नयी दिल्ली में बुलाई गई बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया।

नई दिल्ली : राष्ट्रपति चुनावों को लेकर देशभर में कवायद तेज हो गई है। इसी कड़ी में एक बार फिर से विपक्ष को एकजुट करने की तैयारी शुरू हो गई है। दरअसल पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने 8 राज्यों के CM समेत 22 विपक्षी नेताओं को एकजुट होने को लेकर चिट्ठी लिखी है। पत्र में सभी 22 नेताओं को 15 जून को होने वाली एक संयुक्त बैठक में शामिल होने का न्योता दिया है। इस चिट्ठी में ममता ने इन विपक्षी नेताओं को 15 जून को दिल्ली बुलाया है।

इस चिट्ठी में ममता ने लिखा कि भारत में गणतंत्र पूरी तरह से खत्म हो रहा है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि धूमिल हो चुकी है ऐसे में पूरे विपक्ष को एक साथ आना चाहिए क्योंकि इसी के जरिए फिर एक बार गणतंत्र को बचाया जा सकेगा। बता दें कि शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने द्रमुक, भाकपा, माकपा तथा आम आदमी पार्टी के नेताओं के साथ चर्चा की थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बातचीत में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से साझा उम्मीदवार बनाने पर बात हुई थी।

ममता बनर्जी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, केरल के सीएम पिनाराई विजयन, ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक, तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, पंजाब के सीएम भगवंत मान और कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी समेत 22 नेताओं को पत्र लिखा है। लेकिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस के अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी को नहीं बुलाया है।

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केंद्रीय चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है. 18 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग होनी है, वहीं 21 जुलाई को नतीजे आएंगे। जिसके बाद देश के नए राष्ट्रपति के नाम की घोषणा की जाएगी। संविधान के नियमों के अनुसार देश में मौजूदा राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने से पहले अगले राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जानी चाहिए। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 25 जुलाई को खत्म हो रहा है।

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