हर घर तिरंगा अभियान से 500 करोड़ रुपये का व्यापार, 8-10 करोड़ को मिला रोजगार

हर घर तिरंगा अभियान से इस बार देशभर में 30 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हुई है, लगभग 500 करोड़ रुपये का हुआ कारोबार.
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हर घर तिरंगा, फोटो
हर घर तिरंगा अभियान ने आर्थिक व्यवस्था को पटरी पर लाने का काम किया है. दिल्ली एनसीआर में जहां 150-200 करोड़ रुपये की झंडे की बिक्री हुई है तो वहीं 10-15 लाख लोगों को रोजगार का अवसर दिया है.

नई दिल्ली - देशभर में नए जोश के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) द्वारा शुरू किए हर घर तिरंगा अभियान (Har Ghar Tiranga Abhiyan) ने लोकल फॉर वोकल और आत्मनिर्भर भारत अभियान को रफ्तार दी है. हर घर तिरंगा अभियान से इस बार देशभर में 30 करोड़ से अधिक राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री और लगभग 500 करोड़ का कारोबार हुआ.

राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री ने उन तमाम लोगों के चेहरे पर मुस्कान दी है जो अपना गुजर बसर करने के लिए परेशान थे. हजारों लोगों को पिछले 15 दिनों से रोजगार के भटकना नहीं पड़ा. चाहें वह नुक्कड़ पर भीख मांग कर जीवन गुजार करने वाला हो या कपड़ा सिलने वाला. कपड़ा मील मालिक से लेकर फैक्टरी के श्रमिकों को भी रोजी-रोटी को बेहतर करने का अवसर दिया है.

दिल्ली-एनसीआर की बात करें तो 150-200 करोड़ रुपये का व्यापार हुआ है. कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स के महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने दावा किया कि पिछले 20 दिनों के रिकॉर्ड समय में 30 करोड़ से अधिक तिरंगे का निर्माण किया. पिछले वर्षों में स्वतंत्रता दिवस की तुलना की जाए तो कई गुना बिक्री में बढ़ोत्तरी हुई है. झंडे की वार्षिक बिक्री महज 150-200 करोड़ रुपये तक सीमित थी. जबकि पिछले पंद्रह दिनों में 500 करोड़ रुपये से अधिक की बिक्री अभी हुई है.

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स  ने कहा कि राष्ट्रभक्ति और स्व-रोजगार से जुड़े इस अभियान ने पूरे देश में लोगों के बीच देशभक्ति की एक अद्भुत भावना और कोऑपरेटिव व्यापार की बड़ी संभावनाएं पैदा की. तिरंगा के प्रति लोगों के समर्पण और उत्साह को देखते हुए कैट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आपील करते हुए कहा कि इस वर्ष 15 अगस्त 2022 से 15 अगस्त 2023 तक की अवधि को भारत की स्वतंत्रता के समाप्त होने पर स्वराज वर्ष के रूप में घोषित किया जाए.

स्वतंत्रता दिवस पर हर घर में तिरंगा दिखा. व्यापारियों का कहना है कि देशभक्ति का रंग इस कदर चढ़ा है कि एक तिरंगा झंडा कोई नहीं खरीद रहा. कम से कम पांच झंडे खरीद रहा है. इस बार झंडे की मांग पांच सौ गुना ज्यादा मांग बढ़ी है. एक घर में एक नहीं पांच-पांच झंडे लहराए जा रहे हैं. बतादें कि 10 रुपये का एक झंडा बिक रहा है. हालांकि खुदरा बाजार में 30-60 रुपये में एक झंडा बिक रहा है.

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