तालिबान को झटका, मौलाना शेख रहीमुल्ला हक्कानी की धमाके में मौत

नकली पैर में विस्फोटक छिपाकर लाया था आत्मघाती हमलावर

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रहीमुल्ला को मौत को हक्कानी नेटवर्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वह नेटवर्क के वैचारिक चेहरे के रूप में अरब मुल्कों में उसका प्रतिनिधित्व करता था। वह पाकिस्तान और अन्य जगह से मिलने वाली फंडिंग का मुख्य कर्ताधर्ता था।
इस्लामिक स्टेट ने मौत की जिम्मेदारी ली है। टेलीग्राम पर आतंकी गुट के चैनल के मुताबिक, आईएस ने गुरुवार को काबुल के एक मदरसे पर हुए इस हमले की जिम्मेदारी ली, जिसमें प्रमुख तालिबान मौलवी की मौत हो गई थी

काबूल-  अफगान राजधानी के एक मदरसे में हुए आत्मघाती धमाके में तालिबान से जुड़े शीर्ष मौलाना रहीमुल्ला हक्कानी की मौत हो गई। तालिबान के मुताबिक, हमलावर ने अपनी कृत्रिम टांग में छिपाई आईईडी में धमाका किया। रहीमुल्ला आईएस के खिलाफ सक्रिय था। हत्या की जिम्मादारी आईएस ने ली है।रहीमुल्ला को मौत को हक्कानी नेटवर्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वह नेटवर्क के वैचारिक चेहरे के रूप में अरब मुल्कों में उसका प्रतिनिधित्व करता था। वह पाकिस्तान और अन्य जगह से मिलने वाली फंडिंग का मुख्य कर्ताधर्ता था।

रहीमुल्ला को मौत को हक्कानी नेटवर्क के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वह नेटवर्क के वैचारिक चेहरे के रूप में अरब मुल्कों में उसका प्रतिनिधित्व करता था। वह पाकिस्तान और अन्य जगह से मिलने वाली फंडिंग का मुख्य कर्ताधर्ता था।

रहीमुल्ला हक्कानी को तालिबान गृह मंत्री और हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी का वैचारिक गुरु माना जाता था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसके लाखों फॉलोवर्स हैं। हक्कानी पर पहले भी दो हमले हो चुके थे। वह तालिबान सैन्य आयोग का सदस्य रह चुका है। उस दौरान अमेरिकी फौज ने गिरफ्तार करके कई महीने बगराम जेल में रखा था। रहीमुल्ला सोशल मीडिया पर तालिबान का चेहरा था। रहीमुल्ला के पेशावर स्थित मदरसे में तालिबान लड़ाके पढ़ते हैं।

तालिबान के उप प्रवक्ता बिलाल करीमी ने हक्कानी की मौत की पुष्टि की और उन्हें एक महान व्यक्तित्व और बड़ा विद्वान बताया है। करीमी ने कहा कि दुश्मन के क्रूर हमले में हक्कानी की मौत हुई है। काबुल स्थित यह स्टडी रूम एक धार्मिक केंद्र के तौर पर पहचाना जाता था। अधिकारियों ने बताया कि मौलाना की पहचान रहीमुल्ला हक्कानी के तौर पर हुई है जो पाकिस्तान के दारूल उलूम हक्कानिया से पढ़ा था। यह एक इस्लामी यूनिवर्सिटी है जिसका अरसे से तालिबान के साथ कनेक्शन रहा है। 

रहीमुल्ला हक्कानी को तालिबान गृह मंत्री और हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी का वैचारिक गुरु माना जाता था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इसके लाखों फॉलोवर्स हैं। हक्कानी पर पहले भी दो हमले हो चुके थे। वह तालिबान सैन्य आयोग का सदस्य रह चुका है। उस दौरान अमेरिकी फौज ने गिरफ्तार करके कई महीने बगराम जेल में रखा था। रहीमुल्ला सोशल मीडिया पर तालिबान का चेहरा था। रहीमुल्ला के पेशावर स्थित मदरसे में तालिबान लड़ाके पढ़ते हैं।

शेख रहीमुल्ला हक्कानी को देश की सबसे प्रभावशाली धार्मिक शख्सियतों में से एक माना जाता था। रहीमुल्ला हक्कानी को तालिबान गृह मंत्री और हक्कानी नेटवर्क के सरगना सिराजुद्दीन हक्कानी का वैचारिक गुरु माना जाता था। रहीमुल्ला सोशल मीडिया पर तालिबान का चेहरा था।रहीमुल्ला हक्कानी अक्टूबर 2020 में पाकिस्तान के पेशावर में हुए एक बम धमाके में बाल-बाल बच गया था, जिसकी जिम्मेदारी तब इस्लामिक स्टेट ने ली थी। काबुल में एक आत्मघाती हमलावर ने कथित तौर पर उस स्टडी रूम में खुद को उड़ा लिया, जहां रहिमुल्ला हक्कानी पढ़ रहा था। 

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