जिस अब्दुल सत्तार को शिंदे ने बनाया है मंत्री! उसके परिवार पर करप्शन के आरोप

मंत्री की तीन बेटियां और एक बेटे का फर्जीवाड़े में आ चुका है नाम
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Abdul satar
महाराष्ट्र राज्य परीक्षा परिषद द्वारा आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) घोटाले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। अब घोटाले में शिंदे गुट के विधायक अब्दुल सत्तार का नाम सामने आया है। महाराष्ट्र में शिक्षक पात्रता परीक्षा घोटाले से जुड़ी एक सूची डिपार्टमेंट ने जारी की है। इस सूची में विधायक अब्दुल सत्तार की दो बेटियों के नाम सामने आ रहे हैं। ये सूची उन कैंडिडेट्स की है जिन पर पैसे देकर परीक्षा पास करने का आरोप है।

मुंबई.  शिंदे गुट के एक नए बने मंत्री पर करप्शन के गंभीर आरोप लगे हैं। शिंदे सरकार में मंत्री बनाए गए अब्दुल सत्तार के परिवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है। उनके बेटे बेटियों का नाम महाराष्ट्र के टेट एग्जाम घोटाले में आया है। महाराष्ट्र के शिक्षा विभाग ने पिछले सप्ताह 7,880 उम्मीदवारों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में अयोग्य घोषित कर दिया है और उन्हें कथित भ्रष्टाचार के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में दोबारा शामिल होने से रोक दिया गया है इनमें से चार बच्चे महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में मंत्री बनाए गए अब्दुल सत्तार के हैं। ये नया खुलासा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल के विस्तार से पहले सत्तार की मंत्रिपद की आकांक्षाओं को धराशायी कर सकता हैं। 

महाराष्ट्र स्टेट काउंसिल ऑफ एग्जामिनेशन (MSCE) ने 3 अगस्त को जारी की गई एक अधिसूचना में कहा है कि सत्तार की तीन बेटियों और बेटे ने कथित तौर पर फर्जी प्रमाण पत्र हासिल किए थे। इस प्रमाणपत्र के मुताबिक उन्होंने 19 जनवरी, 2020 को हुई परीक्षा को पास कर लिया था। इनमें हुमा फरहीन अब्दुल सत्तार शेख, हिना कौसर अब्दुल सत्तार शेख, उज़मा नाहिद अब्दुल सत्तार शेख, और मोहम्मद आमिर अब्दुल सत्तार शामिल हैं। आपको बता दें कि इसके पहले पूर्वर्ती महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार में राज्यमंत्री रहे सत्तार इस तरह की किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है।

अब्दुल सत्तार ने मीडिया से बातचीत में इस बात का दावा किया है वो इस बात की जांच की मांग करेंगे कि उनके बच्चों के नाम अयोग्य उम्मीदवारों की सूची में कैसे आ गए? सत्तार ने कहा, ‘यह मुझे बदनाम करने की कोशिश है। इस बात की जांच का आदेश दिया जाना चाहिए और मेरे परिवार में कोई भी दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें। अगर वे निर्दोष हैं, तो मुझे बदनाम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।’

शिवसेना के बागी नेता औरंगाबाद जिले के सिल्लोड में नेशनल एजुकेशन सोसाइटी चलाते हैं जो स्कूली शिक्षा सहित विभिन्न पाठ्यक्रम प्रदान करता है। उनकी दो बेटियां वर्तमान में संस्थान में पढ़ाती हैं, लेकिन उन्हें सरकार से वेतन नहीं मिल रहा है। पूर्व मंत्री ने कहा कि हिना और उज्मा 19 जनवरी, 2020 को आयोजित MAHATET-2019 परीक्षा के लिए उपस्थित हुए थे, लेकिन इसे पास करने में विफल रहे। “मेरी दो बेटियों, जो 2017 से हमारी संस्था में काम कर रही हैं  उन्होंने परीक्षा दी लेकिन सफल नहीं हो सकीं। मेरे पास यह दिखाने के लिए उनके प्रमाणपत्र हैं कि वे अपात्र थे।”सत्तार ने आगे कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि क्या उनकी बेटी हुमा ने कभी परीक्षा दी थी, जबकि उनके बेटे आमिर एक एलएलबी छात्र हैं जिन्होंने अतीत में कोई ऐसी परीक्षा नहीं दी थी। “मेरा बेटा हाल ही में अपनी अंतिम वर्ष की एलएलबी परीक्षा के लिए उपस्थित हुआ था। तीसरी बेटी [हुमा] की शादी हो चुकी है और मैंने इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा है कि क्या उसने कभी परीक्षा दी है।”

इस साल की शुरुआत में पुणे पुलिस की एक जांच में पता चला था कि 7,880 उम्मीदवार कथित तौर पर धांधली में शामिल थे। उनमें से 7,500 ने परीक्षा पास करने के लिए पैसे के बदले में कथित तौर पर अपने अंक बढ़ाए, जबकि 293 उम्मीदवारों ने फर्जी प्रमाण पत्र हासिल किए। अन्य 87 उम्मीदवारों ने अभियुक्तों के संपर्क में पाया, जिन्हें बाद में परिणामों के साथ कथित रूप से छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।

MSCE के अध्यक्ष शरद गोसावी ने कहा कि पुलिस को गिरफ्तार आरोपियों से उन उम्मीदवारों के नाम का पता चला है, जिन्हें उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र जारी किए थे। “पुलिस ने हमें एक सूची भेजी और हमने पिछले हफ्ते उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया।”

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