आज़ादी के 75 साल बाद भी इस गांव में लाइट नहीं!

लखनऊ. एटा के अलीगंज विधानसभा क्षेत्र में पड़ने वाले नगला ढीपा गांव की कुल आबादी करीब 700 है. वहीं कुल वोटरों की संख्या 250 के आसपास है. इस गॉव में करीब 90 मकान हैं. ठाकुर जाति बाहुल्य इस गांव के लोगों को आज भी बिजली का इंतजार है.
मीडिया से बातचीत में गांव के लोगों ने कहा कि बिजली नहीं होने की वजह से उन्होंने आज तक टीवी पर देश के प्रधानमंत्री को लालकिले पर झंडा फहराते हुए नहीं देखा है और न ही उनका संबोधन सुना है. दिल्ली जाकर कार्यक्रम देखना तो सभी गांव वालों के लिए संभव नहीं है. ऐसे में वो चाहते हैं कि अगर गांव में बिजली आ जाए तो सभी टीवी पर ही पीएम को तिरंगा फहराते देख सकें.
दयाशंकर ने आगे कहा कि जब हम लोग उनसे मिलने जाते है तो कह देते हैं कि जल्दी गांव में बिजली आ जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि हमारे गांव के आसपास के गांवों में 15 साल से बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है और पहुंच भी गई है, लेकिन मेरे गांव में अभी तक बिजली नहीं पहुंची है.
सरकार भले ही डिजिटल इंडिया की बात करती हो, लेकिन ये धरातल पर कितना उतरा इसका अंदाजा ढीपा गांव से लगाया जा सकता है. जहां पर लोग बिजली न होने की वजह से आज भी तीन कीमी दूर जैथरा कस्बे में मोबाइल चार्ज करने जाते हैं.
50 वर्षीय सोरन सिंह ने कहते हैं कि हमारे गांव में बिजली नहीं है, जिसके कारण लोग तीन किमी दूर जैथरा कस्बे में या हेमंता गांव में मोबाइल चार्ज करने जाते हैं.सरकार की ओर से सौभाग्य योजना चलाई जा रही है. इस योजना के तहत सरकार ने हर घर में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन इसके बावजूद भी ढीपा गांव में बिजली नहीं पहुंच पाई है. गांव के चारों और बिजली के तारों का जाल बिछा है लेकिन गांव आज भी अंधेरे में डूबा हुआ है.
गढ़ी रोशन पंचायत की प्रधान के पति रविंद्र चौहान बताते हैं कि हमारी ग्राम पंचायत में एक ढीपा गांव ही है जहां आज तक बिजली नहीं पहुंची है. हमने कई बार लिख करके दिया है लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती है.वहीं इस मामले में जब जैथरा विद्युत उपकेंद्र के एसडीओ से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमारे क्षेत्र के 64 गांवों में बिजली का विस्तार हुआ है. लेकिन ढीपा गांव में अभी तक बिजली नहीं पहुंच पाई है.