उपराष्ट्रपति चुनाव - जगदीप धनखड़ ने दाखिल किया नामांकन, पीएम मोदी, जेपी नड्डा रहे मौजूद

जगदीप धनखड़ ने एनडीए के उम्मीदवार के रूप में उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल कर दिया है.
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जगदीप धनखड़
एनडीए की तरफ से उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पश्चिम बंगाल के गवर्नर जगदीप धनखड़ ने नामांकन दाखिल किया. नामांकन दाखिल करने के बाद जगदीप धनखड़ ने अपनी खुशी जहिर करते हुए कहा, "मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं उपराष्ट्रपति पद पर पंहुचूंगा.

नई दिल्ली - एनडीए (NDA) की तरफ से उपराष्ट्रपति (Vice President) पद के उम्मीदवार पश्चिम बंगाल (West Bengal) के गवर्नर (Governor) जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने आज अपना नामांकन दाखिल किया. जगदीप धनखड़ के नामांकन प्रक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य बीजेपी नेता मौजूद रहे.

नामांकन दाखिल करने के बाद जगदीप धनखड़ ने अपनी खुशी जहिर करते हुए कहा, "मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि एक दिन मैं उपराष्ट्रपति पद पर पंहुचूंगा. उन्होंने कहा कि मैं एक किसान के घर पैदा हुआ और भारत के लोकतंत्र की खूबसूरती यही है कि आज किसान का बेटा उपराष्ट्रपति पद का प्रत्याशी बना है."

धनखड़ ने कहा कि मैं किसान के घर में पैदा हुआ हूं, कक्षा 6 में पढ़ने के लिए 6 किमी पैदल गया, स्कॉलरशिप के जरिए आगे की पढ़ाई किया और आज साधारण किसान का बेटा नामांकन दाखिल करके आया है. मैं पीएम मोदी का आभारी हूं कि उन्होंने मुझे ये अवसर दिया. धनखड़ ने कहा मैं हमेशा देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को आगे बढ़ाने की कोशिश करूंगा.

धनखड़ राजस्थान के रहने वाले हैं, किसान परिवार से हैं और जाट समुदाय से आते हैं. मोदी सरकार के खिलाफ किसान आंदोलन में जाट किसान भी बड़ी तादाद में शामिल थे. इसके अलावा राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट वोटरों और किसानों की संख्या अच्छी-खासी है. कई निर्वाचन क्षेत्रों में जाट वोटर निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

साल 2019 में धनखड़ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल बने जिसके बाद से लगातार उनके और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लगातार टकराव होता रहा है. दोनों के बीच तनाव इस हद तक बढ़ गया है कि ममता ने जगदीप को ट्विटर पर ब्लॉक किया हुआ है.

धनखड़ ने बंगाल में हुई राजनीतिक हिंसा के संदर्भ में एक बार यह भी कहा कि राज्य किस तरह लोकतंत्र का गैस चैम्बर बनता जा रहा है और वहां मानवाधिकार संकट में हैं.बता दें कि छह अगस्त को उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होना है. इसके लिए नामांकन की आखिरी तिथि 19 जुलाई है.

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