नैंसी पेलोसी के दौरे के बाद बौखलाया चीन, ताइवान के आस-पास किया सैन्य अभ्यास

चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है
 | 
SS
पेलोसी अमेरिका की पहली ऐसी शीर्ष अधिकारी हैं, जिन्होंने 25 सालों में पहली बार ताइवान का दौरा किया. चीन ने उन्हें इस यात्रा को न करने की चेतावनी दी थी. चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और इसकी आज़ादी का विरोध करता है. दूसरी ओर ताइवान पहुंचने पर स्पीकर नैंसी पेलोसी ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका ताइवान के जीवंत लोकतंत्र को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है

नई दिल्ली - चीन और ताइवान के बीच तनाव काफी समय से चल रहा है. चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और भविष्य में इसके चीन में शामिल होने की इच्छा भी रखता है. लेकिन इसके उलट ताइवान(Taiwan) अपने आप को स्वतंत्र देश मानता है जिसका अपना सविंधान है. ऐसे में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा(The house of Representatives) की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी(Nancy Pelosi) के ताइवान के दौरे ने आग में घी डालने का काम किया है. इसके बाद चीन और ताइवान का विवाद और बढ़ गया है. जिसके चलते बौखलाए चीन ने अब जवाबी कार्रवाई में नैंसी पेलोसी के ताइवान से रवाना होने के बाद ताइवान के आप पास के इलाकों में सैन्य अभियान शुरू किया है.

SS

खबरों के अनुसार ताइवान ने कहा है कि चीन के 27 वॉरशिप(Warship) पहले ही उसके हवाई क्षेत्र में घुस चुके हैं. वहीं चीन ने कहा है कि ये मिलिट्री एक्सरसाइज दुनिया के कुछ सबसे बिजी जलमार्गों पर होगा और इस दौरान 'लंबी दूरी तक गोला-बारूद' दागे जाएंगे. इसके बाद ताइवान ने इस एक्सरसाइज से बचने के लिए जहाज़ों को वैकल्पिक मार्ग ढूंढने के लिए कहा है. साथ ही वो अपने पड़ोसी जापान और फ़िलिपींस के साथ वैकल्पिक हवाई मार्गों पर भी चर्चा कर रहा है.

SS

बता दें कि चीन की चेतावनी के बावजूद मंगलवार, 2 अगस्त को नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंची थीं. बुधवार को ताइवान की राष्ट्रपति साई इंग-वेन(Taiwan's President Tsai Ing-wen) से मुलाकात करने के बाद वो अमेरिका के लिए रवाना हुईं. जिसके बाद चीन के विदेशी मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा,"अमेरिका लगातार 'वन चाइना(One China Policy)' नीति का उल्लंघन कर उसे कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका का ये कदम आग से खेलने जैसा और काफी खतरनाक है. जो आग से खेलेगा वो उसी में तबाह होगा."

SS
NANCY PELOSI

मामले को शांत कराने के लिए जी-7 समूह(G-7 Countries) देशों के विदेश मंत्रियों ने एक जॉइंट स्टेटमेंट जारी कहा है कि चीन की कार्रवाई से इस क्षेत्र में अस्थिरता पैदा होने का जोखिम बढ़ गया है. जी-7 समूह में कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं. बयान में कहा गया है, "एक यात्रा के बहाने ताइवान स्ट्रेट(Taiwan Strait) में आक्रामक मिलिट्री ऑपेरशन करने का कोई औचित्य नहीं है. हमारे देशों में सांसद नियमित तौर पर अंतरराष्ट्रीय यात्रा करते हैं और ये सामान्य है."

FF
G 7 Countries

बता दें कि पेलोसी अमेरिका की पहली ऐसी शीर्ष अधिकारी हैं, जिन्होंने 25 सालों में पहली बार ताइवान का दौरा किया. चीन ने उन्हें इस यात्रा को न करने की चेतावनी दी थी. चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और इसकी आज़ादी का विरोध करता है. दूसरी ओर ताइवान पहुंचने पर स्पीकर नैंसी पेलोसी ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका ताइवान के जीवंत लोकतंत्र(Vibrant Democracy) को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा,"हमारे कांग्रेस डेलिगेशन का यह ताइवान दौरा इस प्रतिबद्धता का सम्मान करता है. हमारा यह दौरा हिंद-प्रशांत क्षेत्र(Indo-Pacific region)- सिंगापुर(Singapore), मलेशिया(Malaysia), साउथ कोरिया(South Corea) और जापान(Japan) के लंबे दौरे का हिस्सा है." पेलोसी ने कहा कि ये दौरा परस्पर सुरक्षा, आर्थिक साझेदारी और लोकतांत्रिक शासन के मुद्दों पर केंद्रित है.

Latest News

Featured

Around The Web