एम्स पर भी महंगाई की मार, प्राइवेट वार्ड में इलाज कराना महंगा
![पीएम मोदी](https://theinknews.com/static/c1e/client/96874/uploaded/0dad3cd3d9583389a7bb7fc314628b48.jpg)
दिल्ली. एम्स अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के प्राइवेट वार्ड में इलाज कराने वालों की जेब पर अब और ज्यादा बोझ पड़ेगा। एम्स के प्राइवेट वार्ड में सभी सेवाओं पर बुधवार से पांच प्रतिशत जीएसटी लागू हो गई है।
दिल्ली एम्स द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, 6,000 रुपये वाले डीलक्स कमरे की फीस पांच प्रतिशत जीएसटी लगाने के बाद 6,300 रुपये हो गई है। प्राइवेट वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों या उनके तीमारदारों को अब 300 रुपये ज्यादा देने होंगे।
इसे लेकर बुधवार को एम्स प्रशासन की तरफ से आदेश जारी करते हुए उसे नोटिफाई कर दिया गया। इसके साथ ही दो महीने बाद एक बार फिर से डीलक्स रूम में इलाज कराना और महंगा हो गया है। इससे पहले मई में एम्स प्रशासन ने डीलक्स कमरों के दैनिक किराए में बढ़ोत्तरी की थी। इसके अलावा अगर अटेंडेंट भी खाना खाता है तो यह चार्ज 6900 रुपए रोजाना हो जाएगा।
अब तक बी श्रेणी के प्राइवेट वार्ड में भर्ती होने वाले मरीजों को 10 दिन के लिए अग्रिम शुल्क कुल 33,000 रुपये व डीलक्स श्रेणी के प्राइवेट वार्ड में भर्ती होने के लिए कुल 63,000 रुपये अग्रिम शुल्क जमा करना होता था। बुधवार को जारी हुआ में आदेश में कहा गया है कि डीलक्स कमरे लेने वाले मरीजों को अब भर्ती होने के पहले 10 दिन का एडवांस शुल्क भी जमा कराना होगा। जिसमें 10 दिन का डीलक्स कमरे का किराया, 5 फीसदी जीएसटी और डायट चार्ज शामिल होगा। लिहाजा 66000 रुपये जमा कराना होगा
कुछ महीने पहले ही एम्स ने प्राइवेट वार्ड के किराए में बढ़ोतरी की थी। ए कैटगरी प्राइवेट वार्ड का किराया 3000 रुपए रोजाना से बढ़ाकर 6000 रुपए कर दिया गया था। बी-कैटगरी के वार्ड का किराया 2000 रुपए से बढ़ाकर 3000 रुपए रोजाना कर दिया गया था। दोनों कैटगरी के रूम रेंट में एडमिशन चार्ज शामिल है और इस नई दर को 1 जून को लागू की गई थी। इसी दौरान खाने का चार्ज बढ़ाकर 300 रुपए रोजाना कर दिया गया था। इस बढ़ोत्तरी के बाद एम्स की तरफ से बयान जारी कर कहा गया था कि 10 दिनों के एडवांस के आधार पर ए-कैटिगरी के लिए चार्ज 63000 रुपए और बी-कैटिगरी के लिए यह चार्ज 33000 रुपए बनता है।
फिलहाल देश के सबसे बड़े और प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थान एम्स में कुल 3194 बेड्स हैं। इसमें 288 बेड्स ही प्राइवेट हैं बाकी 2906 बेड्स जनरल वार्ड के हैं। एम्स के अलावा देश में अन्य चिकित्सा संस्थानों और अस्पतालों में5000 से अधिक कीमत वाले प्राइवेट्स रूम में 5 फीसदी जीएसटी लगनी शुरू हो गई है। हालांकि ये जीएसटी नॉन आईसीयू वार्ड पर लगाई गई है।