अंबानी परिवार को मिलती रहेगी सरकारी सुरक्षा, सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला

चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने अंबानी परिवार को दी जा रही सुरक्षा को लेकर त्रिपुरा हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार की अपील पर ये निर्णय दिया
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Ambani
इस मामले में अंबानी परिवार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि अंबानी परिवार केंद्र से मिल रही सुरक्षा का पूरा उचित खर्च वहन करता है। इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि त्रिपुरा के याचिकाकर्ता का मुंबई में किसी व्यक्ति को दी जा रही सुरक्षा से कोई लेनादेना नहीं है।

दिल्ली.  सर्वोच्च न्यायालय ने आज दिए गए एक अहम फैसले में केंद्र सरकार को उद्योगपति मुकेश अंबानी को दी जाने वाली सुरक्षा जारी रखने की इजाजत दे दी है। इस मामले की सुनवाई चीफ़ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने की और अपना अहम फैसला दिया। दरअसल भारत सरकार अंबानी परिवार को सरकारी सुरक्षा मुहैया कराती है। इसी के खिलाफ त्रिपुरा हाइकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए त्रिपुरा हाइकोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था। त्रिपुरा हाइकोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायलय में अपील की थी जिसे स्वीकार करते हुए शीर्ष अदालत ने त्रिपुरा हाइकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी थी। अब इस मामले पर अंतिम निर्णय देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने अंबानी परिवार को मिलने वाली सरकारी सुरक्षा को जारी रखने की इजाजत प्रदान कर दी है।

मामले की सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इस मामले से आपका क्या लेना देना है? सुरक्षा देने से आप क्यों परेशान हैं? मुख्य न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि किसी को सुरक्षा देना आपकी चिंता का कारण कैसे हो सकता है? ये सरकार का मामला है। 

इस मामले में अंबानी परिवार की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने कहा कि अंबानी परिवार केंद्र से मिल रही सुरक्षा का पूरा उचित खर्च वहन करता है। इससे पहले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि त्रिपुरा के याचिकाकर्ता का मुंबई में किसी व्यक्ति को दी जा रही सुरक्षा से कोई लेनादेना नहीं है।

बता दें कि पिछले साल मुकेश अंबानी के घर के बाहर विस्फोटकों से भरी स्कॉर्पियो गाड़ी खड़ी मिली थी। अंबानी परिवार को कुछ धमकी भरी चिठ्ठियां भी मिली थीं। इसके बाद से ही अंबानी परिवाक की सुरक्षा को और ज्यादा बढ़ा दिया गया। 

पीठ ने अपने आदेश में कहा, “नोटिस जारी किया जाए जिसका जवाब 21 जुलाई तक देना है। इस बीच, 31 मई और 21 जून के आदेश को लागू करने पर रोक लगाई जाती है।”

केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जनहित याचिका पर उच्च न्यायालय में आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगाई जाए क्योंकि मुंबई में किसी को सुरक्षा देने का त्रिपुरा से कोई लेनादेना नहीं है। 

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