Bilkis Bano - दोषियों की रिहाई पर पी. चिदंबरम ने किया चौकानें वाला दावा, राहुल गांधी ने भी घेरा

पैनल में एक मेंबर गौधरा ट्रेन कांड में सरकारी पक्ष का मुख्य गवाह भी शामिल था.
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साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये मुआवजा, एक सरकारी नौकरी व घर देने का निर्देश दिया था. लेकिन अभी तक बिलकिस बानो के परिवार को घर और नौकरी नहीं मिली है.

नई दिल्ली - हाल ही में 2002 में हुए दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो गैंगरेप केस में सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा रिहा करने पर सियासत गरमाई हुई है. कांग्रेस लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साध रही है. इसी कड़ी में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि जिस समीक्षा कमेटी ने 11 दोषियों को सर्वसम्मति से रिहाई का फैसला किया, उसमें 2 BJP विधायक भी शामिल थे. इसके अलावा उन्होंने कहा कि पैनल में एक मेंबर गौधरा ट्रेन कांड में सरकारी पक्ष का मुख्य गवाह भी शामिल था.



पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम(P Chidambaram) ने ट्वीट कर कहा कि गैंगरेप व हत्या के दोषियों को की रिहाई पर मुहर लगाने वाली विशेषज्ञ कमेटी में BJP विधायक सीके रावल(CK Raul) व सुमन चौहान(Suman Chauhan) भी शामिल थे. इसके अलावा गोधरा कांड के सरकारी गवाह मुरली मूलचंदानी भी इस कमेटी का हिस्सा थे.

वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी(Rahul Gandhi) ने भी कुछ पुराने मामलों का जिक्र करते हुए बीजेपी पर हमला किया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "उन्नाव- भाजपा MLA को बचाने का काम,कठुआ- बलात्कारियों के समर्थन में रैली, हाथरस- बलात्कारियों के पक्ष में सरकार, गुजरात- बलात्कारियों की रिहाई और सम्मान!"

उन्होंने कहा,"अपराधियों का समर्थन महिलाओं के प्रति भाजपा की ओछी मानसिकता को दर्शाता है. ऐसी राजनीति पर शर्मिंदगी नहीं होती, प्रधानमंत्री जी?"

बता दें कि बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में गुजरात सरकार ने रिमिशन पॉलिसी(Remission Policy) के तहत सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया था. रिहाई के बाद सभी दोषियों का विश्व हिंदू परिषद(Vishv Hindu Parishad) के पदाधिकारियों ने गले में मामला पहनाकर दोषियों के स्वागत किया था. जिसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया.

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दोषियों में जसवंतभाई नई, गोविंदभाई नई, शैलेश भट्ट, राधेशम शाह, बिपिन चन्द्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोधिरया, बकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदना शामिल हैं. साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये मुआवजा, एक सरकारी नौकरी व घर देने का निर्देश दिया था. लेकिन अभी तक बिलकिस बानो के परिवार को घर और नौकरी नहीं मिली है.

साल 2002 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद मोदी(Narendra Modi) की सरकार में हिंदू-मुस्लिम दंगे(Gujrat Riots 2002) हुए थे. जिनमें 1 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे. आंकड़ों के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर मुसलमान लोग थे. दंगों में सैंकड़ों महिलाओं के बलात्कार और हत्याएं हुई थीं. इनमें से 20 साल की बिलकिस बानो(Bilkis Bano Gang Rape) भी थी. जोकि 5 महीने की गर्भवती थीं.

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बिलकिस का गुजरात के अहमदाबाद के पास रणधी कूपर गांव में 11 लोगों ने गैंगरेप किया था और उनकी 3 साल की बेटी सालेह की भी पत्थर से सिर फोड़कर हत्या कर दी थी. इन दंगों में बिलकिस बानो की मां, छोटी बहन व अन्य रिश्तेदारों समेत कुल 14 लोगों की हत्या हुई थी.

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