महंगाई का हवाला ने बीजेपी विधायकों ने की सैलरी बढ़ाने की मांग! जाने MLA की सैलरी

ओडिशा में बीजेपी विधायकों ने महंगाई को लेकर सैलरी बढ़ाने की मांग की है। अन्य दलों का भी मिला समर्थन
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बीजेपी
देश में आम जनता ही महंगाई की मार से नहीं त्रस्त है बल्कि जनता के चुने गए माननीय भी इस महंगाई से त्रस्त हैं। ओडिशा में बीजेपी विधायकों ने महंगाई को लेकर सैलरी बढ़ाने की मांग की है। सदन में चर्चा के समय भले ही पक्ष और विपक्ष किसी एक मुद्दे पर एक साथ सहमत न नजर आएं लेकिन जब मामला सैलरी बढ़ाने का हो तो भला दोनों पक्षों में विरोध कहां हो सकता है। आपको बता दें कि जहां बीजेपी ने महंगाई भत्तों के बारे में बताकर वेतन बढ़ाने की मांग की तो वहीं बीजद और कांग्रेस सासंदों ने बीजेपी का साथ दिया।

भुवनेश्वर. एक और जहां आम जनता महंगाई की मार से परेशान है। और सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठी है। वहीं ओडिशा में बीजेपी विधायकों ने महंगाई को लेकर सैलरी बढ़ाने की मांग की है। सदन में चर्चा के समय भले ही पक्ष और विपक्ष किसी एक मुद्दे पर एक साथ सहमत न नजर आएं लेकिन जब मामला सैलरी बढ़ाने का हो तो भला दोनों पक्षों में विरोध कहां हो सकता है। आपको बता दें कि जहां बीजेपी ने महंगाई भत्तों के बारे में बताकर वेतन बढ़ाने की मांग की तो वहीं बीजद और कांग्रेस सासंदों ने बीजेपी का साथ दिया। 

पक्ष और विपक्ष दोनों दलों के नेताओं ने आपसी मतभेद भुलाकर विधायकों के वेतन बढ़ाने के मुद्दे पर एकजुट नजर आए। सदन में शून्यकाल के दौरान सत्ताधारी पार्टी बीजेडी ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस और बीजेपी के साथ मिलकर इस मुद्दे को उठाया। माननीयों ने देश में बढ़ती महंगाई का हवाला देते हुए कहा कि मौजूदा वेतन में खर्चे पूरे नहीं हो पा रहे हैं इसलिए विधायकों के वेतन और उनकी पेंशन में संशोधन किया जाए।

सदन में शून्यकाल के दौरान विपक्षी पार्टी बीजेपी के मुख्य सचेतक मोहन मांझी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि देश में मौजूदा समय महंगाई से बुरा हाल है देश की अधिकांश चीजों के दामों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है जबकि माननीयों के वेतन भत्ते में पिछले पांच सालों से बढ़ोतरी नहीं हुई है। इस दौरान उन्होंने ये भी बताया कि 23 सितंबर साल 2017 में आखिरी बार वेतन में बढ़ोतरी की गई थी। उन्होंने ये भी बताया की मौजूदा महंगाई को देखते हुए एक विधायक का वेतन बहुत कम है।

शून्यकाल में चर्चा के दौरान मांझी ने बताया कि ओडिशा के विधायकों का वेतन अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम है। उन्होंने विधायकों के वेतन और यात्रा भत्ते में बढ़ोतरी की मांग की है। वहीं इस दौरान सत्ताधारी पार्टी के विधायक अमर प्रसाद सत्पथी और कांग्रेस विधायक तारा प्रसाद बहिनपति सहित कई अन्य विधायकों ने मांझी को वेतन बढ़ोतरी के मामले में समर्थन दिया। सत्यपथी ने कहा विधायकों की वेतन बढ़ोतरी की मांग जायज है। वहीं, रायगडा के निर्दलीय विधायक मकरंदा मुदुली ने मांझी का समर्थन करते हुए विधायकों के वेतन बढ़ाने की मांग पर समर्थन दिया।

ओडिशा के विधायकों को वेतन के तौर पर हर महीने एक लाख रुपये मिलता है। इसमें से 65000 हजार रूपये भत्ते के रूप में मिलते हैं जबकि 35000 रूपये वेतन के रूप में। वहीं जब विधानसभा सत्र चलता है तो प्रत्येक विधायक को सत्र में शामिल होने के लिए यात्रा भत्ता अलावा 1500 रुपये प्रतिदिन का दैनिक भत्ता अलग से मिलता है। ये भत्ता हर महीने मिलने वाले वेतन एक लाख रूपये में शामिल नहीं है। एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य में कुल 147 विधायकों में से 95 विधायक करोड़पति हैं।

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