BJP नेता महेंद्र भट्ट ने कहा - जिस घर में तिरंगा नहीं होगा, उस घर पर विश्वास नहीं किया जा सकता
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देहरादून - देश की आजादी को 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य पर हर घर तिरंगा मुहिम को सफल बनाने में केंद्र सरकार और राज्यों में बीजेपी की सरकारें एड़ी चोटी का जोर लगा रही हैं. इतना ही नहीं अब ये मुहिम आये दिन विवादों में भी है. हाल ही में हरियाणा के करनाल में जब डिपो होल्डर ने राशन कार्ड धारकों को 20 रुपये का तिरंगा झंडा बेचने का मामला सामने आया तो बात केंद्र की राजनीति तक पहुंची, कांग्रेस व विपक्षी दलों ने जमकर मोदी सरकार हमला किया. अब एक और ऐसा ही विवाद सामने आया है. जहां बीजेपी के एक नेता ने कहा कि जिस घर मे तिरंगा नहीं फहराया जाएगा उसपर विश्वास नहीं किया जा सकता.
दरअसल ये बयान उत्तराखंड बीजेपी के प्रदेश(Utrakhand BJP State President) अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने हाल ही में दिया है. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि जिस घर मे तिरंगा नहीं फहराया दिखाई देगा उस घर पर विश्वास की निगाह से नहीं देखा जा सकता.
महेंद्र भट्ट ने कहा,"जिस घर में तिरंगा नहीं होगा, उस पर देश विश्वास नहीं कर सकता है. तिरंगा लगाने में किसको परेशानी हो सकती है?"
महेंद्र भट्ट के इस बयान पर विवाद खड़ा होता दिख रहा है. इस पर AAP(Aam Adami Party) उत्तराखंड की प्रदेश उपाध्यक्ष उमा सिसोदिया(Uma Sisodiya) ने कहा कि उत्तराखंड के दूर-दराज के गांव में जहां लोग राष्ट्र ध्वज फहराना चाहते हैं, वहां तक तिरंगा पहुंचता नहीं और RSS(Rashtriy Svayam Sewak Sangh) मुख्यालय पर झंडा नहीं फहराया जाता, उस पर क्या कहेंगे.
उमा सिसोदिया ने कहा कि महेंद्र भट्ट(Mahendra Bhatt) को इस बयान के लिए देश के सामने माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा,"आप किसी के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकते क्योंकि हर हिंदुस्तानी देशभक्त है और हर हिंदुस्तानी के दिल में तिरंगा है."
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वहीं कांग्रेस(Congress) अब इस विवाद में कूद पड़ी है. उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा ने भी RSS का नाम लेते हुए हुए बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा,"संघ ने 51 साल तक अपने कार्यालय पर झंडा नहीं फहराया, तो परिवार पर भरोसा नहीं करना चाहिए." माहरा ने आगे ने कहा," इनको ये यह समझ में आ गया है कि भारत के झंडे(Indian National Flag) के नीचे और महात्मा गांधी(Mahatma Gandhi) के पीछे चल कर ही ये सुरक्षित हैं"
बता दें कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर सरकार ने लोगों से 13 से 15 अगस्त के बीच अपने घर पर तिरंगा फहराने की अपील की है. हालांकि इस अभियान की आड़ में सरकारी मनमानी की खबरें भी आ रही हैं. देश के अलग-अलग हिस्सों में यह शिकायतें आ रही हैं कि टारगेट पूरा करने के नाम पर तिरंगा लोगों पर थोपा जा रहा है. कहीं तिरंगे को राशन के लिए शर्त बनाया जा रहा है, तो कहीं सरकारी स्कूलों के शिक्षक अपनी तनख्वाह से झंडा खरीदने पर मजबूर हैं और कुछ विभागों में तो झंडा देने के नाम पर सैलरी में से पैसे काटे जा रहे हैं.