BJP संसदीय बोर्ड से हटाए जाने पर शिवराज ने कहा - अगर दरी बिछाने का काम भी मिलेगा तो वो भी करूंगा

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन' यानी काम करते रहो फल की इच्छा मत करो - शिवराज
 | 
SS
जब काम करना शुरू किया तो मुझे भी नहीं पता था कि मैं विधायक भी बनूंगा. आपातकाल(Emergency 1975) के वक्त जब मेरी उम्र 17 साल की थी तो मैं जेल चला गया था. 1974 में जेपी मूवमेंट में से जुड़ गया था और उसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) का कार्यकर्ता बना. कभी कल्पना भी नहीं की थी कि MLA बनेंगे MP बनेंगे.

भोपाल - हाल ही में बीजेपी की सर्वोच्च इकाई संसदीय बोर्ड(BJP Parliamentary Board) से हटाये जाने पर मुख्यमंत्री के शिवराज सिंह चौहान(Shivraj Singh Chauhan) ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि उन्हें अगर पार्टी में दरी बिछाने का काम भी मिलेगा तो राष्ट्रीय पुनर्निर्माण का हिस्सा मानकर वो ये काम भी करेंगे. शिवराज सिंह चौहान शनिवार, 20 अगस्त को एक निजी न्यूज चैनल के प्रोग्राम में शामिल हुए थे. जहां उन्होंने कहा कि वे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता हैं और एक बड़े लक्ष्य को सामने रखकर काम जर रहे हैं.

SS

दरअसल हाल ही में बीजेपी ने अपनी 2 सर्वोच्च इकाइयों यानी संसदीय बोर्ड व केंद्रीय चुनाव समिति(Central Election Committee), का फिर से गठन किया है. जिससे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी(Nitin gadkari) व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को बाहर का रास्ता दिखाया गया है. प्रोग्राम में उनसे संसदीय बोर्ड से हटाए जाने को लेकर सवाल पूछा गया तो शिवराज सिंह चौहान जवाब में कहा - जब काम करना शुरू किया तो मुझे भी नहीं पता था कि मैं विधायक भी बनूंगा. आपातकाल(Emergency 1975) के वक्त जब मेरी उम्र 17 साल की थी तो मैं जेल चला गया था. 1974 में जेपी मूवमेंट में से जुड़ गया था और उसके बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(ABVP) का कार्यकर्ता बना. कभी कल्पना भी नहीं की थी कि MLA बनेंगे MP बनेंगे. मंत्री बनेंगे और फिर मुख्यमंत्री का तो सोच ही नहीं सकते थे. लेकिन एक बड़े लक्ष्य को लेकर काम कर रहे हैं और वह है राष्ट्र के पुनर्निर्माण का लक्ष्य.

SS


शिवराज ने आगे कहा कि जब पार्टी के कार्यकर्ता हो तो पार्टी तय करती है कि आप कौन सा काम करेंगे. इसलिए बीजेपी जो भूमिका तय कर दे, उसको पूरी मेहनत और प्रामाणिकता के साथ निभाना है. अगर आप इसमें सोचने लगे कि 'मैं इसमें मैं कहां हूं' तो आप उस मिशन का हिस्सा नहीं है, आप स्वार्थी हैं. बीजेपी का इतना विशाल परिवार है एक नहीं अनेकों योग्य व्यक्ति हैं. यह तो परवाह है.संगठन का, कुछ रहते हैं, कुछ आगे बढ़ते हैं, कुछ प्रभाव से बाहर निकलते हैं. यह तो स्वाभाविक प्रक्रिया है.

उन्होंने कहा - कल जन्माष्टमी की और कन्हैया(कृष्ण) ने यही कहा था कि 'कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन' यानी काम करते रहो फल की इच्छा मत करो. यह जो संसदीय बोर्ड की टीम बनी है, इसके लिए मैं जेपी नड्डा जी का दिल से आभार करता हूं. इसमें उत्तर, दक्षिण पूरब पश्चिम पूरा देश शामिल है. क्षेत्रीय संतुलन बनाए गए एक से एक योग्य लोग बनाए गए हैं.

SS

वहीं शिवराज ने 'रेवड़ी कल्चर' पर जारी विवाद को लेकर कहा कि सिर्फ वोट के लिए ऐसी प्रतिस्पर्धा होने लगे कि मैं फ्रिज दे दूंगा, मैं टीवी दे दूंगा यह तो गलत है. हालांकि उन्होंने कहा कि बीजेपी का मानना है कि जो हमारे गरीब भाई बहन हैं, उनका भी संसाधनों पर हक है. और इसलिए कुछ बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उनकी मदद करनी जरूरी है. पीने का पानी, इलाज की योजना पीएम आवास योजना यह सब गरीबों की जरूरत है इसलिए ये रेवड़ियां नहीं हैं. 32 लाख युवाओं को।रोजगार देने के दावे पर उन्होंने कहा कि उन्होंने इसकी पूरी योजना तैयार की है. उन्होंने कहा कि सरकार व गैर सरकारी दोनों ही क्षेत्रों में फैक्ट्री, इफ्रास्ट्रक्चर के जरिये लोगों को।रोजगार देंगे.

Latest News

Featured

Around The Web