केंद्र सरकार ने बिहार को फुटबॉल बनाकर रख दिया है- RJD सांसद हुए भावुक

हम सिर्फ मजदूर देते रहें और आप हमको जनसाधारण ट्रेन देते रहिए- बिहार की पीड़ा बयां कर बोले मनोज झा
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Manoj jha
सांसद मनोज कुमार झा ने मंगलवार (2 अगस्त, 2022) को बिहार का दर्द बयां करते हुए मोदी सरकार को घेरा है। उन्होंने सदन में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि हम सिर्फ मजदूर देते रहें और आप हमको जनसाधारण ट्रेन देते रहिए।उन्होंने कहा कि बिहार को फुटबॉल बनाकर रख दिया है। कभी विशेष राज्य का दर्जा देने की बात करते हैं और कभी विशेष पैकेज देने की बात की गई। मनोज झा ने आगे कहा, “हमें सिर्फ श्रमिक केंद्रित राज्य बना दिया है। हम सिर्फ श्रम देते रहें और आप हमें जनसाधारण ट्रेन देते रहिए, ताकि हम अलग-अलग राज्यों को ट्रेन से अपने श्रमिकों को पहुंचा सकें। ये बिहार के साथ सरासर नाइंसाफी है।”

दिल्ली. आज संसद में RJD सांसद मनोज झा बिहार के बारे में संसद में बोलते समय भावुक हो गए। उन्होंने केंद्र सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाई। मनोज कुमार झा ने बिहार का दर्द बयां करते हुए मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने सदन में महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे पर बोलते हुए कहा कि हम सिर्फ मजदूर देते रहें और आप हमको जनसाधारण ट्रेन देते रहिए। 

उन्होंने कहा कि बिहार को फुटबॉल बनाकर रख दिया है। कभी विशेष राज्य का दर्जा देने की बात करते हैं और कभी विशेष पैकेज देने की बात की गई। मनोज झा ने आगे कहा, “हमें सिर्फ श्रमिक केंद्रित राज्य बना दिया है। हम सिर्फ श्रम देते रहें और आप हमें जनसाधारण ट्रेन देते रहिए, ताकि हम अलग-अलग राज्यों को ट्रेन से अपने श्रमिकों को पहुंचा सकें। ये बिहार के साथ सरासर नाइंसाफी है।”

राज्यसभा सांसद ने अग्निपथ योजना को लेकर भी सरकार को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि योजना के विरोध में राज्य में प्रदर्शन हुए और इस दौरान हिंसात्मक घटनाएं भी हुईं, वो इसलिए क्योंकि बिहार की जनता में आक्रोश बहुत था। यहां बच्चे रेलवे, सेना और शिक्षक जैसी सरकारी नौकरी के सपने देखते हैं, लेकिन कहीं कुछ है ही नहीं।

वहीं, महंगाई को लेकर उन्होंने बीजेपी पर हमला बोला और कई आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि पालने से लेकर कब्र तक कोई ऐसी चीज नहीं छोड़ी है, जिस पर जीएसटी ना लगी हो। कब्र में दाह संस्कार की लकड़ी पर तो कम से कम इंसान सुकून से जाए दुनिया को अलविदा कहते हुए। कफन में जेब नहीं होती है और सरकार ने उसकी मौत से पहले ही उसकी जेब ढीली कर दी।

उन्होंने आग्रह करते हुए कहा कि इस तरह के लोक सरोकार के मुद्दों पर एक चिंता सार्वजनिक होनी चाहिए। अगर आपसे गलती हुई है तो उसको वापस ले लीजिए। रूल बैक करने से आप छोटे नहीं होंगे। उन्होंने कहा, “देश की एक विशाल पार्टी, एक राज्य में बहुमत के लिए चुनाव लड़ रही थी। इस पूरी प्रक्रिया में कीमतें नहीं बढ़ीं। पहले कहा जाता था कि बाजार कीमतें तय करता है। विशाल पार्टी होने के साथ-साथ दिल भी बड़ा होना चाहिए।”

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