दिल्ली पुलिस ने बंगाल सीआईडी को जांच से रोका, ऑपरेशन लोटस मामला
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दिल्ली. दिल्ली में अजीबोगरीब मामला देखने को मिला पश्चिम बंगाल सीआईडी टीम और दिल्ली पुलिस आमने सामने हो गई।झारखंड के तीन गिरफ्तार विधायकों के मामले की जांच से दिल्ली पुलिस ने बंगाल सीआईडी को कथित तौर पर रोक दिया। बंगाल सीआईडी पुलिस ने दावा किया कि वह उक्त तीन में से एक विधायक की दिल्ली एनसीआर में स्थित संपत्ति की जांच करना चाहती थी, लेकिन दिल्ली पुलिस ने उसे जांच नहीं करने दी।
उल्लेखनीय है कि झारखंड के तीन कांग्रेस विधायकों - इरफान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल कोंगारी को पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक कार से 49 लाख रुपये नकद जब्त करने के बाद गिरफ्तार किया था। तीनों विधायक कार में सवार थे।
बंगाल सीआईडी के एक अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने कोर्ट वारंट होने के बावजूद झारखंड के विधायकों की नकदी जब्ती मामले में एक आरोपी से जुड़ी संपत्ति की तलाशी अभियान चलाने से रोक दिया गया। सीआईडी टीम नकदी जब्ती मामले की जांच के सिलसिले में दिल्ली गई थी। इस तरह जांच से रोकना पूरी तरह अवैध है।
सीआईडी ने पहले दावा किया था कि तीन विधायकों से जब्त की गई नकदी उन्हें कोलकाता के एक व्यवसायी ने हवाला के जरिए पहुंचाई थी। मंगलवार को कोलकाता के लालबाजार इलाके में कारोबारी महेंद्र अग्रवाल के कार्यालय पर छापा मारकर सीआईडी ने तीन लाख रुपये नकद, कई बैंक पासबुक और लगभग 250 चांदी के सिक्के बरामद किए थे। तीनों विधायकों की गिरफ्तारी के बाद से कारोबारी फरार है।
झारखंड में सत्तारूढ़ झामुमो के नेतृत्व वाली हेमंत सोरेन सरकार में कांग्रेस सहयोगी दल है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा उसके विधायकों को 10 करोड़ रुपये और मंत्री पद की पेशकश कर सोरेन सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ने इस कथित साजिश में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के नाम को भी घसीटा है। भाजपा ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है। भाजपा ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नकदी मिलने के बाद अपने स्वयं के भ्रष्टाचार को छिपाने की कोशिश कर रही है।