दिल्ली सरकार का कांस्य पदक विजेता दिव्या काकरान को सम्मानित करने से किया इनकार

दिल्ली सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रमंडल खेलों 2022 की विजेता दिव्या काकरान को नकद पुरस्कार से सम्मानित करने से इनकार कर दिया
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दिल्ली
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, “वह दिल्ली में रहती हैं, लेकिन 2016-17 तक केवल राज्य के लिए खेली हैं। सीएम केजरीवाल ने 2018 में उन्हें सम्मानपूर्वक बुलाया। हमने हमेशा उनका सम्मान किया है, लेकिन हम उन्हें नकद इनाम नहीं दे सकते क्योंकि उन्होंने यूपी का प्रतिनिधित्व किया।”

दिल्ली. आम आदमी पार्टी  के विधायक सौरभ भारद्वाज ने कहा, “वह दिल्ली में रहती हैं, लेकिन 2016-17 तक केवल राज्य के लिए खेली हैं। सीएम केजरीवाल ने 2018 में उन्हें सम्मानपूर्वक बुलाया। हमने हमेशा उनका सम्मान किया है, लेकिन हम उन्हें नकद इनाम नहीं दे सकते क्योंकि उन्होंने यूपी का प्रतिनिधित्व किया।” दिल्ली सरकार ने गुरुवार को राष्ट्रमंडल खेलों 2022 की विजेता दिव्या काकरान को नकद पुरस्कार से सम्मानित करने से इनकार कर दिया क्योंकि वह उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करती हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, भारतीय पहलवान दिव्या काकरान ने दिल्ली सरकार पर कोई मदद नहीं करने का आरोप लगाया, जिसके कारण उन्हें उत्तर प्रदेश जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दिव्या काकरान ने कहा कि ”मैं 2001 में दिल्ली चली गई और 2006 से मैंने कुश्ती का अभ्यास करना शुरू कर दिया। मैं पिछले 22 वर्षों से गोकलपुर में काम कर रही हूं। मेरे पिता किसी तरह मुझे कुश्ती के लिए प्रशिक्षण प्रदान करने में कामयाब रहे। मैंने लड़कों के साथ कुश्ती लड़कर पैसे कमाया। दिल्ली सरकार से मुझे कोई सहायता नहीं मिली। मैं यूपी तभी गई जब मेरा परिवार और आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी।”

उन्होंने आगे कहा, ”2011 में मैंने दिल्ली के लिए कांस्य जीता। 2017 तक दिल्ली के लिए 58 पदक जीते। मनोज तिवारी मेरे पास आए और मुझे 3 लाख रुपये दिए, उस पैसे ने मेरी बहुत मदद की। मुझे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से 3,11,000 रुपये के चेक के साथ रानी लक्ष्मी बाई पुरस्कार भी मिला है।” आप और दिव्या के बीच हुए विवाद को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एथलीटों, युवाओं और तिरंगे का अपमान बताया है।

पूनावाला ने कहा, “खिलाड़ियों, महिलाओं और हमारे देश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया गया है। मैं इस विषय को पार्टी की ओर से सबके सामने रख रहा हूं। उन्होंने (काकरान) अरविंद केजरीवाल के सामने सच बोलने की गलती की। हमारी बेटी, हमारी बहन ने देश को गौरवान्वित किया।”यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब भारतीय पहलवान दिव्या काकरान ने 6 अगस्त को महिलाओं की 68 किलोग्राम फ्रीस्टाइल श्रेणी में कांस्य पदक जीता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उन्हें बधाई दी। इसके बाद काकरान ने इस बात पर निराशा व्यक्त की कि शहर में वर्षों से रहने के बावजूद उन्हें राज्य से कोई मदद नहीं मिली।

उन्होंने लिखा, ”मैं दिल्ली के सीएम को मेरी जीत पर बधाई देने के लिए धन्यवाद देती हूं। मैं पिछले 20 वर्षों से दिल्ली में रह रही हूं और अभ्यास कर रही हूं, लेकिन मुझे राष्ट्रीय राजधानी से कोई मदद नहीं मिली। मैं आपसे इतना निवेदन करती हूँ कि जिस तरह आप अन्य खिलाड़ियों को सम्मानित करते हैं, जो दिल्ली के होकर किसी और स्टेट से भी खेलते है, उसी तरह मुझे भी सम्मानित किया जाये।”

पहलवान के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए सौरभ भारद्वाज ने लिखा, ”बहन पूरे देश को आप पर गर्व है। लेकिन मुझे याद नहीं आता कि आप दिल्ली की तरफ से खेलती हैं। आप हमेशा उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलती आई हैं। लेकिन खिलाड़ी देश का होता है। योगी आदित्यनाथ जी से आप को सम्मान की उम्मीद नहीं है। मुझे लगता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री आपकी बात जरूर सुनेंगे।”उन्होंने आगे लिखा, ”हो सकता है मैं ग़लत हूँ बहन, मगर मैंने ढूँढा तो पाया कि आप दिल्ली राज्य की तरफ़ से नहीं, हमेशा उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलती रही हैं। आज पूरे देश को आप पर नाज़ है। ईश्वर से प्रार्थना है कि आप और आगे बढ़ें।”

इन बयानों के बाद काकरान ने स्पष्ट किया कि उन्होंने 2011 और 2017 के बीच दिल्ली का प्रतिनिधित्व किया और सबूत के तौर पर अपने प्रमाण पत्र की एक तस्वीर भी साझा की। उन्होंने यह भी कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी के लिए जीते गए अपने 17 स्वर्ण पदक प्रमाणपत्रों के अन्य स्क्रीनशॉट को साझा करने के लिए तैयार हैं।”

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