बंगाल में BJP नेता ने कहा - CBI बिक गई है, इसलिए केंद्र को ED को भेजना पड़ा, तृणमूल कांग्रेस ने घेरा

अब TMC के नेता डरे हुए हैं. क्योंकि सीबीआई की तरह ED से सेटिंग नहीं हो सकती
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CBI केंद्रीय गृह मंत्री के हाथ में है तो क्या दिलीप घोष CBI पर सवाल उठाकर बीजेपी शासित केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं? या CBI अधिकारियों पर सेटिंग का आरोप लगाकर वो अपनी ही पार्टी के नेता को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं? - TMC

कोलकाता - पश्चिम बंगाल में स्कूल सेवा आयोग(West Bangal School Service Commission) में कथित घोटाले के बाद टीएमसी और बीजेपी में सियासी बयानबाजी खत्म नहीं हुई है. अब बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व सांसद दिलीप घोष का एक बयान चर्चा में है. दिलीप घोष ने कहा कि सीबीआई(Central Bureau of Investigation) की कुछ अधिकारी बिक गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अधिकारियों की तृणमूल कांग्रेस. के नेताओं के साथ सेटिंग है.

दिलीप घोष ने यह दावा भी किया कि कुछ अधिकारियों और टीएमसी(TMC) की सेटिंग की वजह से वित्त मंत्रालय ने सीबीआई को न भेजकर केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय(Enforcement Directorate) को कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के लिए पश्चिम बंगाल भेजा है.

बंगाल के मेदिनीपुर से सांसद दिलीप  घोष ने कहा कि स्कैम, मवेशियों की तस्करी का मामला और स्कूल भर्तियों में गड़बड़ी के मामलों की सीबीआई जांच में कुछ निकल कर नहीं आ रहा था. इसलिए केंद्र ने ED को बंगाल भेज दिया. अब दिलीप घोष के बयान के बाद बीजेपी घेरे में आ गई है. क्योंकि ED की कार्रवाई पर बीजेपी का कहना रहा है कि यह कार्रवाइयां कोर्ट के आदेश के बाद हो रही हैं.

दरअसल दिलीप घोष रविवार, 21 अगस्त को कोलकाता में थे. यहां वो केंद्रीय सांस्कृतिक मंत्रालय के एक प्रोग्राम में शरीक हुए थे. इस दौरान उन्होंने कहा," कुछ सीबीआई अधिकारियों को खरीद लिया गया. एक सेटिंग थी. इस बारे में जांच शुरू कर दी गई है. इसी सिलसिले में कुछ अधिकारियों को हटाया भी गया है. केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई पिछले दो महीनों से बंगाल में जांच कर रही है. लेकिन कोई खास रिजल्ट देखने को नहीं मिला. ना कोई डॉक्यूमेंट सामने आए. मुझे लगता है कि अधिकारी बिक गए हैं. कुछ लाखों में तो करोड़ों में.

घोष ने कहा कि केंद्र को ऐसे संकेत मिले थे कि सीबीआई के अंदर ये सब चल रहा है. इसलिए केंद्र ने जांच का आदेश दिया था. BJP सांसद ने दावा किया कि 'TMC(Trinamool Congress) के नेताओं को ED का डर है'. क्योंकि उन्हें सीबीआई के अधिकारियों की तरह सेट नहीं किया जा सकता. दिलीप घोष ने कहा," वित्त मंत्रालय के निर्देश पर ईडी ने काम करना शुरू किया दवा की डोज बढ़ा दी गई. अब TMC के नेता डरे हुए हैं. क्योंकि सीबीआई की तरह ED से सेटिंग नहीं हो सकती. ED को पालतू कुत्ते की तरह इस्तेमाल नहीं किया जा सकता."

घोष(Dilip Ghosh) ने कहा कि ED के आते ही कुछ लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं. ममता बनर्जी(Mamta Banerjee) के अंत की शुरुआत हो गई हो चुकी है. उन्होंने आगे कहा,"सरकार यह समझ गई है. वित्त मंत्री की विशेष पहल के तहत ED को घोटालों की जांच के लिए भेजा गया है. सीबीआई अधिकारियों से सेटिंग करने में शामिल कुछ नेता ED की जांच पर सवाल उठा रहे हैं. ED क्यों जांच कर रही है, CBI क्यों नहीं? वे कोर्ट चले गए."

बीजेपी घेरे में आई

दिलीप घोष के इस बयान पर हंगामा इसलिए भी मच गया है. क्योंकि बीजेपी नेता बंगाल में सीबीआई की अलग-अलग जांच पर कमेंट करने से बचते रहे हैं. वे कहते हैं कि इन जांचों का आदेश तो कोर्ट की तरफ से दिया गया था. बीजेपी का इसमें कोई हाथ नहीं है. जाहिर है घोष के बयान के बाद पार्टी डिफेंस मोड में आ गई है. हुगली से बीजेपी की सांसद लॉकेट चटर्जी(Locket Chatterjee) ने दिलीप घोष के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा," CBI और ED निष्पक्ष एजेंसियां हैं. वे अपने तरीके से जांच कर रही हैं. हम उनका सम्मान करते हैं. हमें ED और CBI की जांच से खुशी है. बीजेपी का केंद्रीय जांच एजेंसियों से कोई संबंध नहीं है."

वहीं दिलीप घोष के बयान के बाद TMC को केंद्र सरकार को घेरने का मौका मिला गया. पार्टी के नेता व प्रवक्ता कुणाल घोष(Kunal Ghosh) ने कहा,"CBI केंद्रीय गृह मंत्री के हाथ में है तो क्या दिलीप घोष CBI पर सवाल उठाकर बीजेपी शासित केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं? या CBI अधिकारियों पर सेटिंग का आरोप लगाकर वो अपनी ही पार्टी के नेता को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं?"

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