पहले रथ यात्रा के दौरान अक्सर दंगे होते थे, अब सब शांत है - अमित शाह

रथ यात्रा के दौरान होने वाले दंगे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह का बयान
 | 
Amit saha
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को गुजरात के गुजरात के गांधीनगर में वरदायिनी माता मंदिर ट्रस्ट में कई विकास परियोजनाओं के उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने रथयात्रा को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में जब रथयात्रा निकाली जाती थी, तो लोगों को दंगों का डर रहता था. लेकिन, गुजरात की जनता द्वारा भाजपा को सत्ता देने के बाद अब किसी के पास बुरा करने की ताकत नहीं है.

गांधीनगर.  गृह मंत्री अमित शाह गुजरात में है. यहां उन्होंने  शुक्रवार को गुजरात के गुजरात के गांधीनगर में वरदायिनी माता मंदिर ट्रस्ट में कई विकास परियोजनाओं के उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने रथयात्रा को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा है. विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के बाद कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासन काल में जब रथयात्रा निकाली जाती थी, तो लोगों को दंगों का डर रहता था. लेकिन, गुजरात की जनता द्वारा भाजपा को सत्ता देने के बाद अब किसी के पास बुरा करने की ताकत नहीं है.

इससे पहले, अहमदाबाद में शुक्रवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच भगवान जगन्नाथ की 145वीं रथ यात्रा शुरू हो गई. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सुबह ‘पहिंद विधि' रस्म अदा की, जिसमें रथ यात्रा की शुरुआत से पहले एक सुनहरी झाड़ू का उपयोग करके रथों को रास्ता साफ किया जाता है. इसके बाद, भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के रथ जमालपुर क्षेत्र के 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से वार्षिक यात्रा के लिए निकले.

अहमदाबाद में रथयात्रा शुरू होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार की तड़के जगन्नाथ मंदिर में ‘मंगल आरती' की थी. इस साल की रथयात्रा को लेकर लोगों में काफी उत्साह है, क्योंकि शहर में दो साल के अंतराल के बाद भव्य स्तर पर रथयात्रा निकाली जा रही है. कोरोना वैश्विक महामारी के कारण 2020 और 2021 में यह वृहद धार्मिक आयोजन सीमित तौर पर हुआ था.

आम तौर पर आषाढ़ी बीज (आषाढ़ माह का दूसरा दिन) के दिन रथयात्रा के मार्ग में देवताओं और जुलूस की एक झलक पाने के लिए लाखों लोग इकट्ठा होते हैं, जिसमें सजे-धजे हाथी और कई झांकियां शामिल होती हैं. जमालपुर, कालूपुर, शाहपुर और दरियापुर जैसे कुछ सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील क्षेत्रों सहित पुराने शहर में 18 किलोमीटर लंबे मार्ग से गुजरने के बाद रथ रात करीब साढ़े आठ बजे मंदिर लौटेंगे. अधिकारियों ने बताया कि रथ यात्रा की सुरक्षा के लिए नियमित पुलिस, रिजर्व पुलिस और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस के कम से कम 25,000 पुरुष और महिला कर्मियों को शहर के महत्वपूर्ण स्थानों पर तैनात किया गया है. प्रशासन रथ यात्रा को लेकर पूरी सावधानी बरत रहा है. 

Latest News

Featured

Around The Web