गुजरात दंगे 2002 - बिलकिस बानो गैंगरेप केस में सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार ने किया रिहा

गांधीनगर - साल 2002 के गुजरात दंगे में बिलकिस बानो गैंगरेप केस में गुजरात सरकार ने सभी 11 दोषियों को रिहा कर दिया है. इन्हें ये रिहाई बीते 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस(76th Independent Day) के दिन दी गई है. ये सभी गोधरा जेल में अपनी सजा काट रहे थे. खबरों के मुताबिक सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार की माफी योजना के तहत रिहाई दी गई है.
All 11 life imprisonment convicts in 2002 Bilkis Bano gang rape case walk out of Godhra sub-jail under Gujarat govt's remission policy: official
— Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2022
साल 2002 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद मोदी की सरकार में हिंदू-मुस्लिम दंगे(Gujrat Riots 2002) हुए थे. जिनमें 1 हजार से ज्यादा लोग मारे गए थे. आंकड़ों के मुताबिक मरने वालों में ज्यादातर मुसलमान लोग थे. दंगों में सैंकड़ों महिलाओं के बलात्कार और हत्याएं हुई थीं. इनमें से 20 साल की बिलकिस बानो(Bilkis Bano Gang Rape) भी थी. जोकि 5 महीने की गर्भवती थीं.
बिलकिस का गुजरात के अहमदाबाद के पास रणधी कूपर गांव में 11 लोगों ने गैंगरेप किया था और उनकी 3 साल की बेटी सालेह की भी पत्थर से सिर फोड़कर हत्या कर दी थी. इन दंगों में बिलकिस बानो की मां, छोटी बहन व अन्य रिश्तेदारों समेत कुल 14 लोगों की हत्या हुई थी.
21 जनवरी 2008 को बिलकिस बानो केस को अहमदाबाद से मुंबई की एक स्पेशल सीबीआई कोर्ट को ट्रांसफर किया गया था. 11 अभियुक्तों को बिलकिस बानो के साथ गैंगरेप व परिवार के 7 सदस्यों की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई थी. बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने सभी 11 दोषियों की सजा को बरकरार रखा था. कुछ समय पहले 15 साल की सजा काटने के बाद दोषियों में से एक ने समय से पहले रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को सजा में छूट के मुद्दे पर गौर करने का निर्देश दिया था.
2002 बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में आजीवन कारावास कि सज़ा काट रहे सभी 11 दोषियों को आज गोधरा उप जेल से रिहा कर दिया गया… pic.twitter.com/U7uZJ5tuPs
— Ashraf Hussain (@AshrafFem) August 15, 2022
कोर्ट के निर्देश पर गुजरात सरकार ने इस मामले में एक कमेटी का गठन किया. कमेटी ने कुछ महीने पहले मामले में सभी 11 दोषियों को रिहा करने के पक्ष में एकमत से फैसला लिया था. कमेटी ने राज्य सरकार को सिफारिश भेजी गई. जिसके बाद राज्य सरकार ने रिहाई का आदेश दिया. जिन 11 दोषियों को समय से पहले रिहा किया गया है. उनमें जसवंतभाई नई, गोविंदभाई नई, शैलेश भट्ट, राधेशम शाह, बिपिन चन्द्र जोशी, केसरभाई वोहानिया, प्रदीप मोधिरया, बकाभाई वोहानिया, राजूभाई सोनी, मितेश भट्ट और रमेश चंदना शामिल हैं. बता दें कि साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को बिलकिस बानो को 50 लाख रुपये मुआवजा, एक सरकारी नौकरी व घर देने का निर्देश दिया था.