सेना में दो लाख सैनिकों की कटौती करेगी सरकार!

इसी उद्देश्य के कारण सरकार ने विवादास्पद अग्निपथ योजना की घोषणा की
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सेना
भारतीय सेना अगले दो से तीन वर्षों में मौजूदा 12.70 लाख सैनिकों में लगभग 2 लाख सैनिकों की कटौती करने जा रही है। सरकार एक सीखने वाली, दुबली और आधुनिक तकनीक से चलने वाली सेना चाहती है। इस प्रस्ताव को सेना के बढ़ते वेतन और पेंशन बिलों को कम करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है, जिसे सरकार बल के आधुनिकीकरण में बाधा मानती है।

दिल्ली.  मीडिया सूत्रों के मुताबिक “रक्षा मंत्रालय अपनी सेना की ताकत को युक्तिसंगत बनाने की दिशा में काम कर रही है और उसकी योजना है कि अगले दो-तीन वर्षों में अपनी क्षमता में लगभग 2 लाख सैनिकों कम किया जाए।” भारतीय सेना अगले दो से तीन वर्षों में मौजूदा 12.70 लाख सैनिकों में लगभग 2 लाख सैनिकों की कटौती करने जा रही है।

सरकार एक सीखने वाली, दुबली और आधुनिक तकनीक से चलने वाली सेना चाहती है। इस प्रस्ताव को सेना के बढ़ते वेतन और पेंशन बिलों को कम करने के प्रयास के रूप में भी देखा जा रहा है, जिसे सरकार बल के आधुनिकीकरण में बाधा मानती है।

इसी उद्देश्य के कारण इस साल जून में सरकार ने विवादास्पद अग्निपथ योजना की घोषणा की, जिसके तहत सेना, वायु सेना और नौसेना में तीन-चौथाई रंगरूटों को चार साल बाद बिना पेंशन या ग्रेच्युटी के हटा दिया जाएगा। हालांकि सेना को पहले से ही 1 लाख से अधिक सैनिकों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि दो कोविड-प्रभावित वर्षों के दौरान कोई भर्ती नहीं हुई है। हर साल लगभग 60,000 सेना के जवान रिटायर होते हैं।सेना ने घोषणा की है कि अग्निपथ योजना के तहत इस साल करीब 35,000 से 40,000 सैनिकों की भर्ती की जाएगी।

सेना में जनशक्ति को अनुकूल बनाने के लिए चल रहे अभ्यास के ताकत राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) में प्रतिनियुक्ति में 75 प्रतिशत की कटौती करने की भी योजना है। इसके एवज में पूर्व सैनिकों को काम पर रख कर कमी को पूरा किया जाएगा।इस साल 27 मई को सभी एनसीसी निदेशालयों को भेजे गए एक पत्र में, नई दिल्ली स्थित एनसीसी महानिदेशालय ने इस कदम पर उनकी राय मांगी थी।

सेना की क्षमता में लगभग दो लाख की कमी के नियमित होने की उम्मीद के साथ कई अन्य प्रतिष्ठानों में भी इसी तरह कमी के प्रस्तावों की जांच की जा रही है।

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