गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर कांग्रेस ने कहा - संसद में पीएम मोदी के आंसू, पद्म विभूषण महज संयोग नहीं

नई दिल्ली - कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद(Gulam Nabi Azad) के इस्तीफे के बाद देश की राजनीति गरमा गई है. गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगाते हुए 5 पन्नों का इस्तीफा सौंपा. यह इस्तीफा इस लिए भी अहम है क्योंकि कांग्रेस नेतृत्व भारत से बाहर है.
दरअसल कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी(Sonia Gandhi) चेकअप के लिए विदेश गयी हैं और साथ में राहुल गांधी(Rahul Gandhi) व प्रियंका गांधी(Priyanka Gandhi) भी गई है. जिसके बाद सियासी गलियारों में कमजोर पड़ते कांग्रेस नेतृत्व को लेकर फिर से बयानबाजियों का सिलसिला शुरू हो गया है.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे गए गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के पत्र में उन्होंने लिखा, "बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है।" pic.twitter.com/onqjlC67OL
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 26, 2022
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस के महत्वपूर्ण फैसलों में उन्हें शामिल नहीं किया जाता. इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यतः राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस में राहुल गांधी की एंट्री के बाद पार्टी के सीनियर लीडर्स को साइडलाइन किया जा रहा है. जिसके जवाब में अब कांग्रेस ने भी उनपर हमला बोला है.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कहा कि जिस व्यक्ति को कांग्रेस ने सबसे ज्यादा सम्मान दिया. उसी व्यक्ति ने कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत आक्रमण कर अपने असली चरित्र को दर्शाया है. पहले संसद में पीएम मोदी के आंसू, फिर पद्म विभूषण और फिर सरकारी आवास का एक्सटेंशन. यह महज संयोग नहीं है.
जिस व्यक्ति को कांग्रेस नेतृत्व ने सबसे ज़्यादा सम्मान दिया, उसी व्यक्ति ने कांग्रेस नेतृत्व पर व्यक्तिगत आक्रमण करके अपने असली चरित्र को दर्शाया है।
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 26, 2022
पहले संसद में मोदी के आंसू, फिर पद्म विभूषण, फिर मकान का एक्सटेंशन…
यह संयोग नहीं सहयोग है !
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "जो टिप्पणियां की गई हैं वो उचित नहीं है. मैं खुद सदमे में हूं कि एक 42 साल का व्यक्ति जिसे जिंदगी में सब कुछ मिला हो वो आज ऐसे संदेश दे रहें जो मेरे समझ के परे हैं."
कांग्रेस ने जिन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपने के साथ-साथ 42 साल तक महत्वपूर्ण पद पर रखा; ऐसे समय में उनसे ऐसे पत्र की उम्मीद किसी ने भी नहीं की थी : श्री @ashokgehlot51 pic.twitter.com/Rb0asoX1Ww
— Congress (@INCIndia) August 26, 2022
वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा - आज ऐसी क्या बात हो गई की वह नाराज़ हो गए? किसी बात पर उठकर चले जाना ठीक नहीं है. हमारी पार्टी की जो सोच है और अगर उस सोच को भुलाकर अगर कोई एक दम से नया रास्ता अपना रहा है, उसको वह रास्ता मुबारक. हम जैसे लोग पार्टी से नहीं जाएंगे.
अगर इनके करियर पर हम नज़र दौडाएं तो बहुत बार इन्होंने ऐसी बात कही होंगी और हर बार इनको कुछ मिलता था। अगर एक बार नहीं मिला तो वह नाराज़ हो गए। मैं नहीं समझता कि अगर मुझे कुछ नहीं मिला तो मैं पार्टी को नुकसान पहुंचाऊं: कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद https://t.co/8T9TS9GAzd pic.twitter.com/vWhsIyhSnB
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 26, 2022
सलमान खुर्शीद ने आगे कहा - अगर इनके करियर पर हम नज़र दौडाएं तो बहुत बार इन्होंने ऐसी बात कही होंगी और हर बार इनको कुछ मिलता था। अगर एक बार नहीं मिला तो वह नाराज़ हो गए. मैं नहीं समझता कि अगर मुझे कुछ नहीं मिला तो मैं पार्टी को नुकसान पहुंचाऊं.
अजय माकन(Ajay Makan) ने कहा, "हमने (गुलाम नबी) आजाद साहब का (इस्तीफे का) पत्र देखा. दुख की बात है कि उन्होंने ऐसे समय में कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया जब कांग्रेस देश भर में बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी, ध्रुवीकरण की लड़ाई लड़ने जा रही है. दुख की बात है कि वे इस लड़ाई में हिस्सा नहीं बन रहे."
हमने (गुलाम नबी) आजाद साहब का (इस्तीफे का) पत्र देखा। दुख की बात है कि उन्होंने ऐसे समय में कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया जब कांग्रेस देश भर में बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी, ध्रुवीकरण की लड़ाई लड़ने जा रही है।दुख की बात है कि वे इस लड़ाई में हिस्सा नहीं बन रहे:कांग्रेस नेता अजय माकन pic.twitter.com/iXou2wpqSV
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 26, 2022
बता दें कि कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद आजाद के समर्थन में पार्टी के 5 पूर्व विधायकों ने भी अपना इस्तीफा दिया है. ये सभी विधायक जम्मू कश्मीर से हैं. इन विधायकों ने एक पत्र जारी कर कहा, "हम सभी जम्मू कश्मीर की भंग विधानसभा के विधायक और पूर्व मंत्री हैं. हम लोग कांग्रेस पार्टी में अपने पदों के साथ साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा दे रहे हैं. ये फैसला हमने गुलाम नबी आजाद के समर्थन में लिया है.
कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले इन विधायकों के नाम जीएम सुरूरी, हाजी अब्दुल रशीद, मोहम्मद अमीन भट्ट, गुलजार अहमद वानी व चौधरी मोहम्मद अकरम हैं.