अगले कुछ महीनों में नियंत्रण में होगी महंगाई!

महंगाई के दौर में एक राहत भरी खबर सामने आई है कि आने वाले छह माह में महंगाई पर काबू होगा
 | 
पीएम
वैश्वीकरण की वजह से महंगाई की चुनौती काफी बढ़ गई है। दुनिया में ज्यादा कारोबार होने के कारण वैश्विक प्रभावों का असर अब घरेलू बाजार पर ज्यादा तेजी से व लंबे समय तक हो सकता है। जिन देशों ने तीन से पांच प्रतिशत महंगाई लक्ष्य तय किया हुआ है, उनमें से दो तिहाई देशों में यह दर सात प्रतिशत से ऊपर हो गई है। घरेलू स्तर पर महंगाई को काबू करने की नीति बनाने के लिए अभी वैश्विक स्तर की गतिविधियों का ज्यादा अध्ययन करने की जरूरत है।

मुंबई. महंगाई के दौर में एक राहत भरी खबर सामने आई है कि आने वाले छह माह में महंगाई पर काबू होगा। यह संकेत आरबीआई ने दिए हैं। आरबीआइ गवर्नर डा. शक्तिकांत दास ने शनिवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में (अक्टूबर 2022 से मार्च, 2023) के दौरान महंगाई काफी हद तक काबू में आ जाएगी। उन्होंने भरोसा दिया कि केंद्रीय बैंक धीरे-धीरे ही ब्याज दरों में वृद्धि करेगा ताकि आर्थिक विकास की रफ्तार पर ज्यादा असर नहीं पड़े। गवर्नर ने कहा कि कोरोना महामारी के बाद से आरबीआइ का मुख्य मकसद अर्थव्यवस्था को सुरक्षित करना और वित्तीय स्थायित्व को मजबूत करना रहा है।

वैश्वीकरण की वजह से महंगाई की चुनौती काफी बढ़ गई है। दुनिया में ज्यादा कारोबार होने के कारण वैश्विक प्रभावों का असर अब घरेलू बाजार पर ज्यादा तेजी से व लंबे समय तक हो सकता है। जिन देशों ने तीन से पांच प्रतिशत महंगाई लक्ष्य तय किया हुआ है, उनमें से दो तिहाई देशों में यह दर सात प्रतिशत से ऊपर हो गई है।

घरेलू स्तर पर महंगाई को काबू करने की नीति बनाने के लिए अभी वैश्विक स्तर की गतिविधियों का ज्यादा अध्ययन करने की जरूरत है।

नई दिल्ली में कौटिल्य आर्थिक संवाद में आरबीआइ गवर्नर ने मौजूदा महंगाई संकट के लिए मौटे तौर पर वैश्विक हालात को ही जिम्मेदार माना। डा. दास ने कहा कि 2022 की शुरुआत में उम्मीद थी कि वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही तक महंगाई की दर चार प्रतिशत के करीब आ जाएगी। यूक्रेन-रूस युद्ध ने हालात को पूरी तरह से बदल दिया है।

कच्चे तेल व दूसरे जिंसों की कीमतों में वृद्धि और खाद्यान्न संकट से महंगाई को काफी बल मिला है। युद्ध और प्रतिबंधों से सप्लाई चेन बुरी तरह प्रभावित हुई है। इस वजह से मौद्रिक नीति तय करने वाली समिति को भी महंगाई दर के लक्ष्य को बढ़ा कर 6.7 प्रतिशत करना पड़ा है। मई और जून में रेपो रेट में क्रमशः 0.40 और 0.50 प्रतिशत की वृद्धि करनी पड़ी है। 

Latest News

Featured

Around The Web