Jalore - दलित छात्र इंद्र मेघवाल केस की जांच करेगी SIT, मटके को लेकर बना हुआ संशय

SIT की जांच एएसपी देवाराम चौधरी की अध्यक्षता में होगी
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परिवार का गांव में रहना अब सुरक्षित नही है. पंचायतों की वो भीड़ कभी भी हमारे परिवार को नुकसान पहुंचा सकती है. इसलिये परिवार को शहर में एक आवास और परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.अगर मुख्यमंत्री परिवार कि सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करा सकते तो अशोक गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए - चंद्रशेखर आजाद

जयपुर - राजस्थान के जालोर जिले(Jalore Case) के सुराणा गांव में एक 9 साल के दलित छात्र की मौत के बाद देशभर में जातिवाद को लेकर फिर से चर्चा शुरू हो गई है. मृतक छात्र इंद्र मेघवाल(Inder Meghwal Case) के परिजनों का कहना है कि इंद्र ने स्कूल में रखे पानी के उस मटके को छू लिया था जिससे सवर्ण जाति के टीचर पानी पीते थे जिसके बाद कथित रूप से स्कूल संचालक मास्टर छैल सिंह ने इंद्र को बुरी तरह से पीटा जिससे उसकी कान की नस ब्लॉक हो गई और 23 तक चले इलाज के बाद बीती 13 अगस्त को छात्र की गुजरात के अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल में मौत हो गई.

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Father of Inder Meghwal

वहीं गांव व स्कूल वालों का कहना है कि छात्र की मौत छैल सिंह की पिटाई से नहीं हुई है बल्कि मृतक इंद्र मेघवाल के कान में इंफेक्शन था जिसका लंबे समय से इलाज चल रहा था. गांववालों ने बताया कि स्कूल में टीचर्स के लिए अलग से मटका रखा ही नहीं गया है. स्कूल में एक टंकी रखी हुई है जिससे सभी विद्यार्थी व टीचर्स पानी पीते थे. हालांकि अभी तक ये साफ नहीं हो पाया है कि छात्र की पिटाई मटका छूने से की गई थी या क्लास में दो बच्चों का आपसी झगड़ा था. जिसको लेकर अभी तक संशय बना हुआ है.

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जानकारी के मुताबिक अब मृतज छात्र के परिजन अब तक की पुलिस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं है. उन्होंने राजस्थान सरकार से SIT(Special Investigation Team) के गठन की मांग की. जिसको शुक्रवार, 19 अगस्त को सरकार ने मान लिया है. SIT की जांच एएसपी देवाराम चौधरी की अध्यक्षता में होगी.

इस घटना के बाद कांग्रेस की राजस्थान सरकार लगातार दलित संगठनों व बीजेपी के निशाने पर है. अगले साल विधानसभा के चुनाव होने हैं ऐसे में बीजेपी व तमाम विपक्षी दल हमला करने से नहीं चूक रहे. जिसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि देशभर में ऐसी घटनाएं होती हैं लेकिन जितनी त्वरितता से हमारी सरकार में कार्रवाई होती है, किसी प्रदेश में नहीं होती है, ये बात मैं दावे के साथ कह सकता हूं.

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वहीं भीम आर्मी के अध्यक्ष व संस्थापक चंद्रशेखर आजाद(Chandrashekhar Azad) ने मृतक छात्र के परिजनों से मिलने की कोशिश की लेकिन उन्हें जोधपुर से लौटना पड़ा. जिसके बाद उन्होंने ट्वीट कर बताया कि उनकी मृतक छात्र के परिजनों से फोन पर बात हुई है. उन्होंने कहा,"आज मैंने इन्द्र कुमार के परिवार से फोन के माध्यम से बात की और विश्वास दिलाया कि हम उन्हें न्याय दिलाकर रहेंगे. धारा 144 के बावजूद आरोपी के पक्ष में हो रही पंचायतों द्वारा प्रशासन पर दवाब बनाया जा रहा है, परिवार डरा हुआ है. हमारी माँग है कि इस मामले की जांच CBI द्वारा कराई जाए.

उन्होंने आगे कहा, "परिवार का गांव में रहना अब सुरक्षित नही है. पंचायतों की वो भीड़ कभी भी हमारे परिवार को नुकसान पहुंचा सकती है. इसलिये परिवार को शहर में एक आवास और परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.अगर मुख्यमंत्री परिवार कि सुरक्षा सुनिश्चित नहीं करा सकते तो अशोक गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए.

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