रूपये के गिरने से फायदे में ये सेक्टर

दिल्ली. क्या आप जानते हैं कि डॉलर के मुकाबले रुपया कमजोर होने के कई फायदे भी हैं? कुछ क्षेत्र के लिए रुपया कमजोर होना बेहतर साबित हो सकता है. आइए हम आपको रुपये की गिरावट के 3 फायदे बताते हैं।डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार कमजोर होने से इसका सीधा असर आम आदमी की जिंदगी पर पड़ता है. कमजोर रुपया आमतौर पर पेट्रोल-डीजल की महंगाई के अलावा कई क्षेत्रों को भी बदहाल कर देता है. पेट्रोल-डीजल महंगे होने से माल ढुलाई महंगा हो जाता है.
रुपया कमजोर होने से विदेशी पर्यटक भारत की ओर खिंचे चले आ रहे हैं. क्योंकि भारत के लिए टूर पैकेज सस्ते हो गए हैं. टूर ऑपरेटर्स की मानें तो गिरते रुपये के चलते टूरिस्ट कारोबार इस साल बेहतर रिजल्ट दे सकता है. शुरुआती अच्छे रिजल्ट मिल भी रहे हैं, पिछले कुछ महीनों में होटल की बुकिंग में करीब 10 फीसदी का इजाफा हुआ है.टूर ऑपरेटर्स भी मान रहे हैं कि जैसे-जैसे रुपया कमजोर हो रहा है वैसे-वैसे विदेशी सैलानियों की संख्या बढ़ती जा रही है. हालांकि डॉलर मजबूत होने से भारतीय विदेश घूमने से परहेज कर रहे हैं क्य़ोंकि पैकेज दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है.
एक्सपोटर्स के लिए फायदेमंद
भारत में बड़े स्तर पर एक्सपोर्ट कारोबार होता है. खासकर गारमेंट एक्सपोर्ट के लिए रुपये का टूटना बेहतर साबित हो सकता है, क्योंकि उन्हें पेमेंट जो मिलता है वो डॉलर में होता है. ऐसे में डॉलर को रुपया में एक्सचेंज करने पर उसकी वैल्यू बढ़ जा रही है. साथ ही एक्सपोर्ट्स जो नई डील कर रहे हैं वो नए रेट पर हो रहा है, डॉलर मजबूत होने से ज्यादा रकम मिल रही है.
एक और फायदा आईटी-ऑटो सेक्टर को हो रहा है. रुपया कमजोर होने से आईटी और ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए फायदेमंद साबित हो रहा है. सॉफ्टवेयर सर्विसेज एक्सपोर्ट से आईटी इंडस्ट्री को फायदा होगा. और विदेश में गाड़ियों का निर्यात करने वाली कंपनियों का रेवेन्यू भी बढ़ेगा.
गौरतलब है कि इंफोसिस, टीसीएस और विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनियां का मुख्यालय अमेरिका में है और वो वहां बड़े पैमाने पर कारोबार करती है. इन कंपनियों को बड़े पैमाने पर फायदा होने का अनुमान है.