बॉलीवुड स्टार या किसी ने भी ऐसे विज्ञापन किए तो पड़ सकते हैं मुश्किल में, मोदी सरकार की चेतावनी

म्यूजिक, सोडा और पैक्ड पानी के जरिये शराब के विज्ञापन वहीं तंबाकू व गुटका को सौंफ और इलायची की आड़ में प्रचारित किया जा रहा है
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लंबे समय से मंत्रालय को शराब व गुटखा उत्पादों से जुड़े सरोगेट विज्ञापनों की कई शिकायतें मिल रही थीं. इसके बाद यह फैसला लिया गया है. मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि कैसे हाल ही में विश्व स्तर पर प्रसारित होने वाले खेल आयोजनों के दौरान भी सरोगेट विज्ञापनों के कई उदाहरण देखे गए हैं.

नई दिल्ली - हाल ही में बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार व अजय देवगन को पान मसाला की एड करने पर सोशल मीडिया पर खूब आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था. अक्षय कुमार ने तो सोशल मीडिया पर इसको लेकर माफी भी मांगी थी और एड से हुई कमाई को सामाजिक कार्यों में लगाने की बात कही थी.

दरअसल सिगरेट(Cigarette), पान मसाला, शराब व बियर बेचने वाली कम्पनियां सरोगेट विज्ञापन के जरिये अपने प्रोडक्ट का प्रचार प्रसार करती हैं. क्योंकि देश में सीधे तौर पर शराब, गुटका, सिगरेट के विज्ञापन पर मनाही है. अब ऐसे में केंद्र सरकार इन सरोगेट विज्ञापनों पर भी लगाम कसने जा रही है. 

म्यूजिक, सोडा और पैक्ड पानी के जरिये शराब के विज्ञापन वहीं तंबाकू व गुटका को सौंफ और इलायची की आड़ में प्रचारित किया जा रहा है. कंज्यूमर मामलों के मंत्रलाय ने इस तरह के सरोगेट के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी जारी की है. किसी भी मीडिया प्लेटफॉर्म पर शराब कंपनियों गुटखा निर्माताओं और अन्य फर्मों द्वारा ने प्रतिबंधित वस्तुओं का विज्ञापन प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर तत्काल रोकने को कहा है.

केंद्रीय उपभोक्ता मामलों(central consumer affairs) के सेक्रेटरी रोहित कुमार सिंह ने सरोगेट विज्ञापन पर पूर्ण प्रतिबंध पर जोर देते हुए इस हफ्ते दर्जनभर उद्योग संघों को पत्र लिखा है. इस पत्र के जरिए उन्हें कानून का पालन करने के लिए कहा गया है. इंटरनेशनल स्पिरिट एंड वाइन एसोसिएशन की CEO निशा कपूर को भेजे गए एक ऐसे ही पत्र में दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने और उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटने के लिए कहा गया है.

दरअसल लंबे समय से मंत्रालय को शराब व गुटखा उत्पादों से जुड़े सरोगेट विज्ञापनों की कई शिकायतें मिल रही थीं. इसके बाद यह फैसला लिया गया है. मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि कैसे हाल ही में विश्व स्तर पर प्रसारित होने वाले खेल आयोजनों के दौरान भी सरोगेट विज्ञापनों के कई उदाहरण देखे गए हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मादक पदार्थों(Narcotics) के सीधे विज्ञापन के उदाहरण हैं.

मंत्रालय की ओर से सीधी कार्रवाई से पहले इन कम्पनियों को सावधान किया गया है. नियमों का पालन नहीं करने पर विज्ञापन देने वाली कंपनियों और मशहूर हस्तियों सहित ऐसे विज्ञापनों में शामिल कोई भी व्यक्ति कार्रवाई के लिए उत्तरदाई होंगे. 

कंज्यूमर अफेर्स मिनिस्ट्री ने पत्र में दिल्ली हाई कोर्ट के निर्णय का उल्लेख किया है. जिसमें एक टीवी चैनल को सरोगेट विज्ञापन प्रसारित करने और विज्ञापन संहिता का उल्लंघन करने के चलते 2 दिनों में सुबह 8:00 बजे से लेकर रात के 8:00 बजे के बीच हर एक घंटे 10 सेकंड माफी मांगने वाली वीडियो चलाने का निर्देश दिया था.

क्या होते हैं सरोगेट विज्ञापन

कई कंपनियां किसी नशीले पदार्थ का सीधे तौर पर प्रचार नहीं करके अप्रत्यक्ष रूप तौर पर प्रचार करती हैं. जैसे अल्कोहल के विज्ञापन के लिए म्यूजिक, सोडा और पानी का सहारा लिया जाता है. तो वहीं गुटखा और तंबाकू का प्रचार सौंफ और इलायची के जरिए प्रचारित किया जाता है.

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