अब लाइव देख सकेंगे कोर्ट की कारवाई,लंबे समय से हो रही थी मांग

दिल्ली। इसकी शुरुआत उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे विवाद से हुई थी। सोमवार को मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा था कि शीर्ष अदालत के पास जल्द ही YouTube का उपयोग करने के बजाय अपनी कार्यवाही का सीधा प्रसारण करने का अपना मंच होगा।
मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में हाल ही में पूर्ण न्यायालय की बैठक में 27 सितंबर से संविधान पीठों की सुनवाई की कार्यवाही को 'लाइव-स्ट्रीम' करने का निर्णय लिया गया था। अदालत के इस फैसले के बाद, लोग बिना किसी परेशानी के अपने सेल फोन का उपयोग कर सकते हैं। . लैपटॉप और कंप्यूटर पर क्रियाओं को देखें और रिकॉर्ड करें। यह दुनिया में कहीं भी बैठे किसी को भी सीधे अदालत की सुनवाई देखने और सुनने की अनुमति देता है।
सुप्रीम कोर्ट ने 26 अगस्त को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ की कार्यवाही का एक वेबकास्ट पोर्टल के माध्यम से सीधा प्रसारण किया था। हालांकि यह औपचारिक कार्यवाही थी। मंगलवार को संविधान पीठ ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण, महाराष्ट्र में शिवसेना विवाद, दिल्ली सरकार-केंद्र सरकार विवाद समेत कई मामलों की सुनवाई की. सुनवाई का सीधा प्रसारण किया गया।
इस प्रसारण का किसी भी तरह से पुन: प्रसारण नहीं किया जा सकता है। फिलहाल यह व्यवस्था प्रायोगिक चरण में है और भविष्य में इसमें बदलाव भी संभव है। मंगलवार को कार्यवाही का प्रसारण सुप्रीम कोर्ट के पोर्टल के साथ-साथ यूट्यूब पर भी किया गया। गौरतलब है कि 27 सितंबर 2018 को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने संवैधानिक महत्व के मामलों की कार्यवाही का सीधा प्रसारण या 'वेबकास्ट' करने को लेकर ऐतिहासिक फैसला लिया था। था।
अदालत के इस फैसले के बाद लोग बिना किसी परेशानी के अपने सेल फोन, लैपटॉप और कंप्यूटर पर कार्यवाही देख और रिकॉर्ड कर सकते हैं। यह दुनिया में कहीं भी बैठे किसी को भी सीधे अदालत की सुनवाई देखने और सुनने की अनुमति देता है। सुप्रीम कोर्ट ने 26 अगस्त को तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ की कार्यवाही का एक वेबकास्ट पोर्टल के माध्यम से सीधा प्रसारण किया था।