मोदी सरकार ने PFI पर लगाया 5 साल का बैन, कहा - एक विशेष वर्ग को कट्टर बना रहा है

पहले राउंड की छापेमारी में PFI से जुड़े 106 लोग गिरफ्तार हुए थे
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PFI पर बैन लगाते हुए गृह मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में कहा - PFI और इसके सहयोगी संगठन या इससे संबंधित संस्थाएं सार्वजनिक तौर पर एक सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक संगठन के रूप में कार्य करते हैं.

नई दिल्ली - केंद्र सरकार ने इस्लामिक संगठन PFI(Popular Front of India) पर पांच साल का बैन लगा दिया है. मंगलवार, 27 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी. पिछले कुछ दिनों से PFI पर बैन लगाने की मांग की जा रही थी. कई राज्य ये मांग कर रहे थे. सोशल मीडिया पर भी चर्चा चल रही थी कि जल्दी ही PFI को प्रतिबंधित किया जा सकता है.

हाल ही में नया(National Investigation Agency) ने PFI के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी कर उसके कई पदाधिकारियों की गिरफ्तारी की है. 22 और27 सितंबर को NIA, ED व राज्यों की पुलिस ने PFI के कई ठिकानों पर छापेमारी की थी.

पहले राउंड की छापेमारी में PFI से जुड़े 106 लोग गिरफ्तार हुए थे. वहीं दूसरे राउंड की छापेमारी में 247 लोगों को हिरासत में लिया गया. जांच एजेंसियों का दावा है कि उन्हें PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले हैं. इसके बाद गृह मंत्रालय ने PFI को UAPA के तहत गैरकानूनी संगठन घोषित किया है.

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PFI के सरकार ने इससे जुड़े अन्य संगठनों पर भी प्रतिबंध लगा दिया है. मंत्रालय की नोटिफिकेशन के मुताबिक रिहैब इंडिया फाउंडेशन(RIF), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया(CFI), ऑल इंडिया इमाम्स कॉउंसिल(AIIC), नेशनल कंफेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन(NCHRO), नेशनल वीमेन्स फ्रंट(NWF), जूनियर फ्रंट(JF), एम्पावर इंडिया फाउंडेशन(EIF) और रिहैब फाउंडेशन(KERALA) पर बैन लगाया गया है.

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PFI पर बैन लगाते हुए गृह मंत्रालय ने अपने नोटिफिकेशन में कहा - PFI और इसके सहयोगी संगठन या इससे संबंधित संस्थाएं सार्वजनिक तौर पर एक सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक संगठन के रूप में कार्य करते हैं.

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लेकिन ये गुप्त एजेंडा के तहत समाज के वर्ग विशेष को कट्टर बनाकर लोकतंत्र की अवधारणा को कमजोर करने की दिशा में कार्य करते हैं व देश के सवैंधानिक प्राधिकार और ढांचे के प्रति घोर अनादर दिखाते हैं. ये संगठन कानून विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं, जो देश की अखंडता, सम्प्रभुता और सुरक्षा के खिलाफ है. जिससे शांति व साम्प्रदायिक सद्भाव का माहौल खराब होने और देश में उग्रवाद को बढ़ावा मिलने की आशंका है.

नोटिफिकेशन में आखिर में गृह मंत्रालय ने गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के सेक्शन 3 के सब्सेक्शन 1 के तहत PFI और इससे जुड़े संगठनों को 'विधिविरुद्ध संगम' यानी एक अवैध संघ या गठजोड़ करार दिया है और इनकी गतिविधियों पर 5 साल तक के लिए रोक लगा दी है.

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