Karnataka - 8वीं क्लास की पुस्तक में लिखा, बुलबुल पर बैठकर उड़ जाते थे सावरकर
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बेंगलुरु - कर्नाटक में 8वीं क्लास की एक बुक का चैप्टर सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. इस बुक के चैप्टर में स्वतंत्रता सेनानियों का महिमामंडन किया गया है. बुक कन्नड़ भाषा में लिखी गई है. एक चैप्टर कलावन्नू गेदाद्दवर में लेखक केटी गट्टी द्वारा लिखित एक यात्रावृतांत(Travelogue) है. उन्होंने अंडमान सेलुलर जेल की यात्रा के बारे में अपना अनुभव बताया है, जहां हिंदुत्ववादी नेता विनायक दामोदर सावरकर को कैद किया गया था.
सावरकर को जिस कारागार में बंद किया गया था, उसका वर्णन करते हुए लेखक ने लिखा है," सावरकर की कोठरी में एक सुराग तक नहीं था. फिर भी किसी तरह बुलबुल सेल के अंदर उड़ते हुए आती थी और उसके पंखों पर बैठकर सावरकर रोज अपनी मातृभूमि की यात्रा कर जेल लौट जाते थे."
8वीं क्लास की एक बुक के इस पैराग्राफ को लेकर कुछ सोशल मीडिया यूजर्स ने आलोचना की है. जिन्होंने यात्रा वृतांत लेखक और कर्नाटक सरकार का मजाक उड़ाया. हालांकि कुछ लोगों ने कहा है कि यह संदर्भ एक काव्यात्मक अभिव्यक्ति द्वारा अपने कथन के हिस्से के रूप में इस्तेमाल किया गया रूपक प्रतीत होता है और इसे शाब्दिक अर्थ में नहीं लिया जाना चाहिए.
Savarkar as per Karnataka 8th class textbook.
— Baba MaChuvera 💫 (@indian_armada) August 28, 2022
Bulbul birds used to visit Savarkar's cell & he use to sit on their wings & use to fly out. pic.twitter.com/DLDLg8lsoy
हालांकि कुछ ट्विटर यूजर्स ने पैराग्राफ में कही गई बातों का मजाक उड़ाते हुए एक पक्षी पर बैठे सावरकर व्यंग्यात्मक तस्वीरें भी ट्वीट की हैं. जबकि एक वर्ग ने इसे राजनीतिक प्रचार का सबसे खराब रूप और शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करना बताया है.
कर्नाटक के चित्तरपुर से विधायक व कनार्टक कांग्रेस समिति के अध्यक्ष (Karnataka Pradesh Congress Committee) प्रियांक खड़गे(Priyank Kharge) ने वाक्यांश के संबंध में एक ट्वीट में कहा, "ऐसा लगता नहीं है कि यह एक रूपक के रूप में था. चैप्टर एक सिलेबस का हिस्सा है, जिसे रोहित चक्रतीर्थ(Rohit Chakratirith) की अध्यक्षता वाली कमेटी द्वारा संशोधित किया गया था, यह कमेटी अब भंग हो चुकी है.