नेहरू, वाजपेयी की मूर्खता की वजह से तिब्बत और ताइवान बने चीन का हिस्सा, सुब्रमण्यम स्वामी ने पीएम मोदी को भी घेरा

भारतीय बॉर्डर एरिया में चीनी सैनिकों के घुसने के बावजूद पीएम मोदी कहते हैं कि 'कोई आया नहीं' 
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अमेरिका लगातार 'वन चाइना' नीति का उल्लंघन कर उसे कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका का ये कदम आग से खेलने जैसा और काफी खतरनाक है. जो आग से खेलेगा वो उसी में तबाह होगा.

नई दिल्ली - बीजेपी के विवादित नेताओं में से एक पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी(Subramanian Swami) ने एक बार फिर चीन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने आरोप लगाया कि जवाहरलाल नेहरू(Pt. Jawaharlal Nehru) और अटल बिहारी वाजपेयी(Atal Bihari Vajpayee) की 'मूर्खता' के चलते भारतीयों को तिब्बत और ताइवान को चीन का हिस्सा मानना पड़ा है. दूसरी तरफ भारत-चीन बॉर्डर विवाद उन्होंने कहा कि चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control) समझौते का सम्मान नहीं करता है और लद्दाख में भारतीय भूमि पर कब्जा किया हुआ है. इसके साथ ही सुब्रमण्यन स्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी घेरते हुए कहा कि भारतीय बॉर्डर एरिया में चीनी सैनिकों के घुसने के बावजूद पीएम मोदी कहते हैं कि 'कोई आया नहीं'.


सुब्रमण्यन स्वामी ने ट्वीट कर कहा,"नेहरू और ABV (Atal Bihari Vajpayee) की मूर्खता के चलते हम भारतीयों ने ये माना कि तिब्बत और ताइवान चीन का हिस्सा है. लेकिन अब चीन LAC(Line of Actual Control) को लेकर किए गए समझौते का सम्मान नहीं कर रहा है और लद्दाख में भारतीय भूमि पर कब्जा किया है, जबकि मोदी एक ही बात कर रहे हैं कि 'कोई नहीं आया'. चीन को ये पता होना चाहिए कि निर्णय लेने के लिए हमारे यहां चुनाव होते हैं."

सुब्रमण्यम स्वामी ने ये ट्वीट ऐसे मौके पर किया है जब अमेरिकी संसद की स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान के दौरे पर हैं. इसे लेकर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है और चेतावनी दी है कि इसके चलते अमेरिका को इसका बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. इसे लेकर चीन के विदेशी मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा,"अमेरिका लगातार 'वन चाइना' नीति का उल्लंघन कर उसे कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. अमेरिका का ये कदम आग से खेलने जैसा और काफी खतरनाक है. जो आग से खेलेगा वो उसी में तबाह होगा."

दूसरी ओर ताइवान पहुंचने पर स्पीकर नैंसी पेलोसी ने आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि अमेरिका ताइवान के जीवंत लोकतंत्र(Vibrant Democracy) को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा, "हमारे कांग्रेस डेलिगेशन का यह ताइवान दौरा इस प्रतिबद्धता का सम्मान करता है. हमारा यह दौरा हिंद-प्रशांत क्षेत्र(Indo-Pacific region)- सिंगापुर(Singapore), मलेशिया(Malaysia), साउथ कोरिया(South Corea) और जापान(Japan) के लंबे दौरे का हिस्सा है." पेलोसी ने कहा कि ये दौरा परस्पर सुरक्षा, आर्थिक साझेदारी और लोकतांत्रिक शासन के मुद्दों पर केंद्रित है.

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