BJP राज में 22 करोड़ आवेदन पर सरकारी नौकरी मिलीं केवल 7.22 लाख को

केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि 2014 के बाद सरकारी नौकरी के लिए 22.05 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 7.22 लाख को नौकरी मिली है। 
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रोजगार
स्वरोजगार की सुविधा के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) लागू की जा रही है। PMMY के तहत, 10 लाख रुपए तक के ऋण की सुविधा दी गई। इसकी मदद से लोग सूक्ष्म और लघु व्यवसाय को स्थापित या विस्तारित कर सकते हैं। इसके अलावा, कोरोना महामारी के दौरान सड़कों पर सामान बेचने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। लंबे समय तक उनकी आमदनी ठप हो गई थी। ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 1 जून, 2020 से प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वानिधि योजना) को लागू किया है, 

दिल्ली. देश में रोजगार पर केंद्र सरकार ने लोकसभा में बताया कि 2014 के बाद सरकारी नौकरी के लिए 22.05 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें से 7.22 लाख को नौकरी मिली है। ये नियुक्तियां विभिन्न सरकारी विभागों में हुई हैं। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने बुधवार (27 जुलाई, 2022) को लोकसभा में बताया कि 2014 से अब तक कुल 7,22,311 लोगों को केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में स्थायी नौकरी मिली है। केंद्रीय मंत्री की तरफ से प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के मुताबिक-

2014-2015 में 1,30, 423 लोगों को नौकरी मिली

2015-2016 में 1,11,807 लोगों को नौकरी मिली

2016-2017 में 1,01,333 लोगों को नौकरी मिली

2017-2018 में 76,147 लोगों को नौकरी मिली

2018-2019 में 38,100 लोगों को नौकरी मि

2019-2020 में 1,47,096 लोगों को नौकरी मिली

2020-2021 में 78,555 लोगों को नौकरी मि

2021-2022 में 38,850 लोगों को नौकरी मिली 

एक प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने यह जवाब दिया है, जिसमें उन्होंने यह भी कहा कि “रोजगार सृजन के साथ रोजगार क्षमता में सुधार सरकार की प्राथमिकता है”। सिंह ने कहा, इसके अलावा भारत सरकार ने देश में रोजगार पैदा करने के लिए कई कदम उठाए हैं।

उन्होंने बताया कि बजट 2021-22 में पांच साल की अवधि के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं शुरू कीं। सरकार द्वारा लागू की जा रही पीएलआई योजनाओं में 60 लाख नए रोजगार सृजित करने की क्षमता है।

स्वरोजगार की सुविधा के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) लागू की जा रही है। PMMY के तहत, 10 लाख रुपए तक के ऋण की सुविधा दी गई। इसकी मदद से लोग सूक्ष्म और लघु व्यवसाय को स्थापित या विस्तारित कर सकते हैं। इसके अलावा, कोरोना महामारी के दौरान सड़कों पर सामान बेचने वालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। लंबे समय तक उनकी आमदनी ठप हो गई थी। ऐसी परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 1 जून, 2020 से प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर की आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वानिधि योजना) को लागू किया है।ताकि सड़क विक्रेता अपने व्यवसायों को फिर से शुरू कर सकें।

इन पहलों के अलावा, सरकार के विभिन्न प्रमुख कार्यक्रम जैसे मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटी मिशन, कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), पं. दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्या योजना (डीडीयू-जीकेवाई), दीन दयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (डीएवाई-एनयूएलएम) आदि भी रोजगार के अवसर पैदा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है।

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