हम भारत में निवेश से कभी पीछे नहीं हटे-गौतम अडानी

अडाणी के मुताबिक, समूह की सोच है कि उसकी सफलता भारत की वृ्द्धि के साथ जुड़ी हुई है.
 | 
अडानी
अडाणी के मुताबिक, समूह की सोच है कि उसकी सफलता भारत की वृ्द्धि के साथ जुड़ी हुई है. अडाणी ने कहा कि उनका समूह देश में हवाईअड्डों का सबसे बड़ा परिचालक बनकर उभरा है और होल्सिम के अधिग्रहण के साथ समूह ने अब सीमेंट कारोबार में भी अपने कदम रख दिये हैं.उन्होंने कहा कि इसकी मदद से भारत कच्चे तेल के आयातक की जगह हरित हाइड्रोजन का निर्यातक बन जाएगा. अडाणी ने कहा, हमने कभी भी भारत में अपने निवेश को न तो धीमा किया है और न ही निवेश से अपने कदम पीछे खींचे हैं.

मुंबई.  देश के सबसे अमीर उद्यमी गौतम अडाणी ने मंगलवार को कहा कि अडाणी समूह कभी भी भारत में निवेश से पीछे नहीं हटा है क्योंकि समूह की वृद्धि देश की आर्थिक प्रगति से जुड़ी हुई है. अडाणी ने समूह के शेयरधारकों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि उनका समूह देश में एक नये ऊर्जा कारोबार पर 70 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है. 

उन्होंने कहा कि इसकी मदद से भारत कच्चे तेल के आयातक की जगह हरित हाइड्रोजन का निर्यातक बन जाएगा. अडाणी ने कहा, हमने कभी भी भारत में अपने निवेश को न तो धीमा किया है और न ही निवेश से अपने कदम पीछे खींचे हैं.

अडाणी के मुताबिक, समूह की सोच है कि उसकी सफलता भारत की वृ्द्धि के साथ जुड़ी हुई है. अडाणी ने कहा कि उनका समूह देश में हवाईअड्डों का सबसे बड़ा परिचालक बनकर उभरा है और होल्सिम के अधिग्रहण के साथ समूह ने अब सीमेंट कारोबार में भी अपने कदम रख दिये हैं.

गौतम अडाणी ने आगे कहा कि सरकार को इस बात का श्रेय दिया जाना चाहिए कि उन्होंने अपनी भूमिका को बेहतर ढंग से निभाते हुए सर्वांगीण संतुलन के साथ चुनौतियों का प्रबंधन किया है. मंगलवार को अदाणी ग्रुप के एजीएम में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए कंपनी के मुखिया गौतम अदाणी ने यह भी कहा है कि कोरोना जैसी महामारी के दौर से बाहर निकलते हुए हम सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बन रहे हैं, जबकि दुनिया की दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्थाएं मंदी के खतरे का सामना कर रही हैं.

गौतम अडाणी ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन पर हमें व्याख्यान दिया जाता है, लेकिन हम दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल हैं, जिन्होंने कोरोना महामारी और ऊर्जा संकट के बावजूद नवीकरणीय उर्जा के क्षेत्र में अच्छी प्रगति की है. हमारे देश में यह काम ऐसे समय में संभव हो पाया है, जब दुनिया के कुछ विकसित देशों ने नवीकरणीय उर्जा के लक्ष्य हासिल करने के कार्यकलापों पर फिलहाल विराम लगा दिया है.

Latest News

Featured

Around The Web