200 पायलेट की जान लेने वाले ये उड़ते ताबूत कब बेड़े से हटेंगे-वरुण गांधी

दिल्ली. बाड़मेर में मिग-21 के क्रश हो जाने के बाद दो पायलट की मौत के मामले में वरुण गांधी एक बार फिर अपनी ही सरकार पर हमलावर नजर आए हैं। वरुण गांधी ने शुक्रवार को इस पूरे मामले में ट्वीट करते हुए लिखा है कि कल बाड़मेर में हुई घटना से पूरा देश स्तब्ध व शोकाकुल है। कुछ वर्षों से मिग-21 लगातार हादसों का शिकार हो रहा है। यह अकेला लगभग 200 पायलटों की जान ले चुका है। आखिर ये उड़ता ताबूत कब हमारे बेड़े से हटेगा। सांसद वरुण गांधी ने सवालिया निशान खड़ा करते हुए लिखा है कि देश की संसद को सोचना होगा, क्या हम अपने बच्चों को यह विमान उड़ाने देंगे।
कल बाड़मेर में हुई घटना से पूरा देश स्तब्ध व शोकाकुल है!
— Varun Gandhi (@varungandhi80) July 29, 2022
कुछ वर्षों से MiG-21 लगातार हादसों का शिकार हो रहा है। यह अकेला लगभग 200 पायलटों की जान ले चुका है।
आखिर यह ‘उड़ता ताबूत’ कब हमारे बेड़े से हटेगा?
देश की संसद को सोचना होगा, क्या हम अपने बच्चों को यह विमान उड़ाने देंगे? pic.twitter.com/wZE0YqTOTP
यह कोई पहली बार नहीं है कि बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने ट्विटर पर विमानों में आ रही तकनीकी कमियों को लेकर हमला बोला हो। इससे पहले भी सांसद वरुण गांधी ने 22 जुलाई को घरेलू फ्लाइट को लेकर डीजीसीए को सख्ती दिखाने की हिदायत दी थी। वरुण गांधी ने ट्विटर पर लिखा था कि जब घरेलू फ्लाइट की कीमतें दोगुनी हो चुकी हैं, तब तकनीकी खराबी की वजह से देश में लगातार विमानों की आपातकाल लैंडिंग के समाचार मिल रहे हैं। गत 2 महीनों में ही 17 उड़ानें प्रभावित हुई हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं सांसद वरुण गांधी ने डीजीसीए को शक्ति दिखाने के साथ-साथ किसी बड़ी घटना के इंतजार में ना रहने की हिदायत भी दी थी।
गौरतलब है कि ऐसे हादसे पहली बार नहीं हुए हैं, लेकिन फिर भी वायुसेना इस प्लेन के बोझ को अपने कंधों पर ढो रही है। खबरों के मुताबिक, साल 2021 में ही इस प्लेन से 5 हादसे हुए थे। मीडिया में आंकड़ों के मुताबिक पिछले 6 दशकों में मिग-21 से जुड़ी 400 से ज्यादा घटनाएं हो चुकी हैं जिसमें 200 से अधिक बहादुर पायलट मौत के आगोश में जा चुके हैं। भारतीय वायुसेना ने इसे पहली बार साल 1962 में अपने बेड़े में शामिल किया था।
बता दें, वायुसेना में शामिल होने के बाद से मिग-21 को दर्जनों बार अपग्रेड किया जा चुका है। इसके बाद भी इंजन में सुधार नहीं किया जा सका। 2014 में तत्कालीन भारतीय वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने इस लड़ाकू विमान को लेकर यहां तक कहा था कि पुराने विमानों को हटाने में जितनी देरी होगी सुरक्षा की दृष्टि से खतरा उतना ही बढ़ता जाएगा।
मिग 21 दुनिया का एकलौता विमान है जिसका इस्तेमाल करीब 60 देशों ने किया। यह विमान दुनिया में सबसे ज्यादा 11496 यूनिट्स बनाए गए। छह दशक से भी ज्यादा समय से लड़ाकू विमान मिग-21 भारत की सेवा कर रहा है। सबसे ज्यादा हादसे इसी विमान से हुए हैं और यही कारण है कि भारतीय वायुसेना के इस विमान को उड़ता ताबूत कहा जाता है।