युवा बोले खाली से तो बेगार भली, पहली अग्निविर रैली में जुटी 15,930 की भीड़

सेना भर्ती कार्यालय में 10 अगस्त से 10 दिवसीय भर्ती रैली शुरू हुई है।
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सेना
केंद्र सरकार ने जून महीने में अग्निपथ योजना की घोषणा की और उसके बाद कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन राज्यों में पंजाब भी शामिल था, जहां पर अग्निपथ योजना के खिलाफ अभ्यर्थियों ने विरोध प्रदर्शन किया। सेना भर्ती कार्यालय में 10 अगस्त से 10 दिवसीय भर्ती रैली शुरू हुई है। पंजाब के 4 जिले लुधियाना, रूपनगर, मोहाली और मोगा के 15,000 से अधिक उम्मीदवारों ने इस रैली में पंजीकरण करवाया है। 

चंडीगढ़. केंद्र सरकार ने जून में अग्निपथ योजना की घोषणा की और इसके बाद कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए। इन राज्यों में पंजाब भी शामिल है, जहां उम्मीदवारों ने अग्निपथ योजना का विरोध किया। सेना भर्ती कार्यालय में 10 अगस्त से 10 दिवसीय भर्ती रैली शुरू हो गई है। इस रैली के लिए पंजाब के 4 जिलों लुधियाना, रूपनगर, मोहाली और मोगा से 15,000 से अधिक उम्मीदवारों ने पंजीकरण कराया है। आपको बता दें कि पंजाब में अग्निपथ योजना के खिलाफ विधानसभा में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था.

सेना के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया, 'हमें लुधियाना एआरओ के तहत चार जिलों से कुल 15,930 आवेदन मिले हैं। यह 2020 में 14,633 आवेदनों से अधिक है जब इन जिलों के लिए खन्ना में अंतिम भर्ती रैली आयोजित की गई थी। हालांकि खन्ना की रैली में जब शारीरिक परीक्षण पूरा हुआ तो कोविड के कारण लिखित परीक्षा रद्द कर दी गई. इसलिए, उनमें से कई आवेदकों ने फिर से आवेदन किया है।" 

भर्ती प्रक्रिया के डायरेक्टर कर्नल जसवीर सिंह ने भर्ती में हिस्सा लेने वाले युवकाें से अपील की है कि वह किसी भी तरह के किसी व्यक्ति के बहकावे में ना आएं और किसी को भर्ती होने के लिए पैसे आदि ना दे। सेना में भर्ती के लिए किसी की कोई सिफारिश नहीं चलती है खुद की मेहनत और शरीर के बल पर युवाओं को सेना में भर्ती किया जाता है। बताया जा रहा है कि इसके लिए सेना की तरफ से भी इंतजाम किए गए हैं उन सभी लोगों का डाटा आर्मी इंटेलिजेंस इकट्ठा कर रही है जो पहले किसी ना किसी तरह से युवाओं को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में शामिल रहे हैं।

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