सीएम अशोक गहलोत ने कहा - अफसर और ठेकेदारों की पार्टनरशिप के चलते सड़के 6 महीने में टूट जाती हैं

जिन अधिकारियों को यहां रहना है, उन्हें सड़कें ठीक करनी होगी, रिपेयर करनी होगी.
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राजस्थान की सड़कें अब गुजरात(Gujarat) की सड़कों से अच्छी हो गई हैं. पहले कहा जाता था कि आप गुजरात से आ रहे हैं और झटकों से नींद खुल जाए तो समझो कि राजस्थान आ गया. अब गुजरात के लोग उसके उल्टा बात कहने लग गए हैं, अब लोग कहते हैं राजस्थान से यात्रा करते वक्त झटकों से नींद खुल जाए तो समझो गुजरात आ गया.

जयपुर - इन दिनों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(Ashok Gehlot) कई दफा अपने अफसरों को खरी-खोटी सुना चुके हैं. एक बार फिर उन्होंने गुरुवार,1 सितंबर को अपने अफसरों की क्लास लगाई. उन्होंने कहा कि आजकल कई एक्सईएन(Executive Engineer) तो ठेकेदार के पार्टनर बन जाते हैं. ठेकेदार फिर क्वालिटी से समझौता करता है और बिजनेस पार्टनर से रिश्ते निभाता है. इसी कारण सड़कों की क्वालिटी खराब बन जाती है कि 6 महीने में टूट जाती हैं. समय के साथ बदलाव आया है, करप्शन बहुत बढ़ गया है.

दरअसल वीरवार को प्रदेश में 3324 करोड़ की लागत से बनी 113 सड़कों और क्वालिटी को लेकर लोकार्पण का प्रोग्राम था. इस दौरान गहलोत ने कहा कि सब कुछ मंजूर है लेकिन सड़कों की क्वालिटी से समझौता मंजूर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि हम सड़कों को बनाने के बाद थर्ड पार्टी से भी जांच करवा रहे हैं सड़कों की क्वालिटी चीफ इंजीनियर पर निर्भर है. आपके यहां आजादी के बाद जो सिस्टम बना हुआ है, वह सिस्टम है. आप ठेकेदारों को दो टूक कह दीजिए, क्वालिटी से समझौता बर्दाश्त नहीं होगा.

सीएम ने कहा, "मैं दो टूक कहना चाहता हूं कि मैं नीचे वालों को जिम्मेदार नहीं मानूंगा. जिम्मेदारी चीफ इंजीनियर(Chief Engineer) की है, जो गड़बड़ी करते हैं. उन्हें आप एपीओ(Awaiting posting Officer) करें, खिंचाई करें, कुछ भी करें लेकिन सड़कों की क्वालिटी से समझौता बर्दाश्त नहीं होगा." प्रोग्राम में सीएम गहलोत ने दोबारा जयपुर की खराब सड़कों का जिक्र करते हुए कहा -  मैं कल ही जोधपुर(Jodhpur) जाकर आया हूं. जोधपुर की पूरी सड़कें बर्बाद हो चुकी हैं. मुझे कहना पड़ा कि जिन अधिकारियों को यहां रहना है, उन्हें सड़कें ठीक करनी होगी, रिपेयर करनी होगी.

उन्होंने कहा कि यह बात खाली जोधपुर की नहीं है. यह हालात सब शहरों के बने हुए हैं, गांव के बने हुए हैं. जो जिस पद पर बैठा है, वह ईमानदारी से ड्यूटी निभा ले तो जनता की तकलीफ दूर हो जाएंगी. अशोक गहलोत ने कहा ठेकेदार जब टेंडर लेता है तो उस सड़क की मेंटेनेंस की जिम्मेदारी उसकी होती है. एग्रीमेंट कर लिया, पाबंद कर लिया बाद में आप उसे देखते ही नहीं हैं. ठेकेदार जानबूझकर उस सड़क को रिपेयर नहीं करता है और जनता तकलीफ पाती है. जिससे जनता में मैसेज गलत जाता है. हमारी लापरवाही से जनता तकलीफ पाती है.

गुजरात की सड़कों पर तंज कसते हुए सीएम ने कहा राजस्थान में पिछले 20 सालों में सड़कों में अच्छा काम हुआ है. राजस्थान की सड़कें अब गुजरात(Gujarat) की सड़कों से अच्छी हो गई हैं. पहले कहा जाता था कि आप गुजरात से आ रहे हैं और झटकों से नींद खुल जाए तो समझो कि राजस्थान आ गया. अब गुजरात के लोग उसके उल्टा बात कहने लग गए हैं, अब लोग कहते हैं राजस्थान से यात्रा करते वक्त झटकों से नींद खुल जाए तो समझो गुजरात आ गया.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि सड़कें सरकार की टॉप प्रायरिटी है. सड़कों के मामले में राजस्थान अव्वल बने. यह सरकार चाहती है. जब सड़कें अच्छी होंगी तो प्रदेश में इन्वेस्टमेंट आएगा, विकास होगा. अक्टूबर में जो इन्वेस्टमेंट सम्मिट हो रहा है, उसके लिए 11 लाख करोड़ के एमओयू अब तक हो चुके हैं. राजस्थान में लॉ एंड आर्डर तुलनात्मक रूप से अच्छा है.

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