RSS-BJP तिरंगे पर हमला कर रहे हैं, देश को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है - राहुल गांधी

कन्याकुमारी - कांग्रेस ने अपनी महत्वकांक्षी भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत कर दी है. इसके तहत कांग्रेस के तमाम बड़े नेता तमिलनाडु(Tamilnadu) के कन्याकुमारी(Kanyakumari) से लेकर जम्मू कश्मीर के श्रीनगर तक 3,570 किलोमीटर की दूरी तय करेंगे. इसकी अगुवाई कर रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि करोडों भारतीय चाहते हैं कि देश को जोड़ने की जरूरत है.
कन्याकुमारी में यात्रा(Bharta Jodo Yatra) से पहले आयोजित रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी(Rahul Gandhi) ने कहा, "सिर्फ कांग्रेस(Congress) ही नहीं, बल्कि लाखों लोगों को लगता है कि भारत को जोड़ने की जरूरत है. हर एक संस्था पर RSS और BJP का हमला हो रहा है. उन्हें लगता है कि वे भारत को धार्मिक आधार पर बांट सकते हैं."
राहुल ने कहा, "तिंरगा कपड़े के एक टुकड़े पर सिर्फ तीन रंग और एक चक्र नहीं है. ये उससे कहीं ज्यादा है. तिरंगा भारत के लोगों की कमाई है, जो हर धर्म और संस्कृति से जुड़े हुए हैं. ये तिरंगा किसी एक राज्य का नहीं है, ये तिंरगा हर एक राज्य का है. इसमें हमारी पहचान छिपी है. हमारा तिंरगा हर किसी को अपने धर्म का पालन करने का अधिकार देता है. लेकिन आज इस ध्वज पर हमला हो रहा है. वे सोचते हैं कि ये तिरंगा उनकी निजी संपत्ति है."
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आगे कहा, "तिरंगा(National Flag) हमारी एकता और विविधता की पहचान है, हमारा स्वाभिमान है. आज तिरंगे को हाथों में लेकर भारत जोड़ो यात्रा का पहला कदम लिया है. अभी भी मिलों चलना है, मिलकर अपना भारत जोड़ना है.
इस यात्रा में शामिल होने से पहले राहुल गांधी ने चेन्नई के पास स्थित श्रीपेरंबुदूर(Sriperumbudur) में राजीव गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की. यहां साल 1991 में उनके पिता राजीव गांधी की आत्मघाती हमला कर हत्या कर दी गई थी. राहुल गांधी ने कहा, "उन्हें(BJP) लगता है कि ED, CBI, आयकर विभाग से वे विपक्ष को डरा सकते हैं. चाहे कितने भी घंटों तक पूछताछ की जाए, भारत के लोगों को डरने की जरूरत नहीं है और विपक्ष का एक भी नेता भाजपा से डरने वाला नहीं है.
बता दें कि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा भारत के दक्षिण में अंतिम छोर कन्याकुमारी से शुरू होकर जम्मू कश्मीर तक पहुंचेगी. अगले 150 दिनों में यह यात्रा 12 राज्यों से होकर गुजरेगी. इस दौरान करीब 3,570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी. जिन जगहों पर यह यात्रा गुजरेगी उनमें कन्याकुमारी के बाद तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, निलम्बूर, मैसूर, बेल्लारी, रायचूर, विकाराबाद, नांदेड़, जलगांव जामोद, इंदौर, कोटा दौसा, अलवर, बुलंदशहर, दिल्ली अंबाला, पठानकोट, जम्मू और आखिरी पड़ाव श्रीनगर है.