कौन है देश के नए CDS? जानिए क्या है उनके सामने चुनौतियां?

भारतीय मिलिट्री अकादमी के एलुमनाई(Alumni) हैं
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आर्मी में अपने 40 साल के करियर में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं. वो जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व में काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन्स के अपने अनुभव के लिए जाने जाते हैं.

नई दिल्ली - भारत सरकार ने देश के नए CDS(Chief Of Defence Staff) के नाम का ऐलान कर दिया है. लेफ्टिनेंट जनरल(रिटायर्ड) अनिल चौहान(Anil Chauhan) को देश का नया CDS बनाया है. दिसंबर 2021 में देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद से ये पद खाली था.

आर्मी में अपने 40 साल के करियर में लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान ने कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं. वो जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्व में काउंटर-इंसर्जेंसी ऑपरेशन्स(Counter-Insurgency Operations) के अपने अनुभव के लिए जाने जाते हैं.

कौन हैं लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान?

लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान का जन्म 18 मई, 1961 को हुआ था. साल 1981 में वो भारतीय सेना के गोरखा राइफल्स में कमीशन हुए थे. वो नेशनल डिफेंस अकादमी और भारतीय मिलिट्री अकादमी के एलुमनाई(Alumni) हैं.

मेजर जनरल की रैंक पर रहते हुए लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान नॉर्दन कमांड(Northern Command) में बारामुला सेक्टर में इन्फैंट्री डिवीजन के कमांडर रहे. वो नार्थ ईस्ट में 3 कोर के कमांडर रहे.

सितंबर, 2019 में वो पूर्वी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ बनाए गए. मई 2021 में रिटायर होनेतक वो इसी पोस्ट पर रहे. पूर्वी कमान में उन्होंने लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे की जगह ली थी, जो आगे चलकर सेनाध्यक्ष बने.

बतौर कमांडर काम करने के अलावा उन्होंने सेना के कई और महत्वपूर्ण पदों पर काम किया. कुछ वक्त के लिए मिलिट्री ऑपरेशन्स के डायरेक्टर जनरल की जिम्मेदारी भी उनके पास रही. इससे पहले उन्होंने यूनाइटेड नेशंस मिशन(United Nations Mission) के तहत अंगोला में अपनी सेवाएं दी. 

लेफ्टिनेंट जनरल चौहान 31 मई, 2021 को रिटायर हुए. रिटायरमेंट के बाद भी उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष और डिप्लोमेसी से जुड़े मामलों में सेना के साथ काम किया. सेना में बेहतरीन काम के लिए लेफ्टिनेंट जनरल चौहान को परम विशिष्ट सेवा मेडल, उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ठ सेवा मेडल, सेना मेडल और विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया.

बिपिन रावत थे देश के पहले CDS

जनरल बिपिन रावत देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बनाए गए थे. वो 1 जनवरी, 2020 से 8 दिसंबर, 2021 तक इस पद पर रहे. 8 दिसंबर, 2021 को एक हेलीकॉप्टर क्रैश में जनरल रावत के निधन के बाद से ये पद खाली था.

कौन होते हैं CDS

CDS पद पर तैनात अधिकारी के पास कई जिम्मेदारियां होती हैं. वो रक्षा मंत्रालय में सैन्य कार्य विभाग माने DMA(Department of Military Affairs) के सचिव होते हैं. इसके साथ ही चीफ ऑफ स्टाफ्स कमेटी के अध्यक्ष भी, जिसमें तीनों सेनाओं के प्रमुख बैठते हैं. इसके अलावा वो सेना से जुड़े मामलों में भारत सरकार के सलाहकार की भूमिका में रहते हैं.

लेफ्टिनेंट जनरल चौहान के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी जनरल बिपिन रावत द्वारा शुरू किए गए सैन्य सुधार जैसे कि थिएटराइज़ेशन को आगे बढ़ावा. इसके तहत तीनों सेनाओं को मिलाकर अलग-अलग इलाकों के हिसाब से सैन्य इकाइयों बनाई जानी हैं.

जनरल रावत के समय में ही थिएटराइज़ेशन का काम धीमी गति से आगे बढ़ रहा था. उनके निधन के बाद के लिए बाद से काम लागभग ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. यही काम जनरल चौहान को आगे बढ़ाना है.

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