हेमंत सोरेन ने सदन में विश्वास मत हासिल करने के बाद कहा - BJP राज्यों में सरकार गिराने में लगी है

BJP ने देश में लोकतंत्र खत्म कर दिया गया है
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झारखंड में सियासी उठापटक की स्थिति चुनाव आयोग(Election Commission) द्वारा राज्यपाल रमेश बैस को बंद लिफाफे में भेजी गई उस चिट्ठी के बाद पैदा हुई जिसमें आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट(Office of Profit) मामले में राज्यपाल को अपना मशविरा भेजा है.

रांची - झारखंड में सियासी उठापटक के बाद सोमवार, 5 सितंबर को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वास मत हासिल कर लिया. मुख्यमंत्री ने सदन की कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद अपनी सरकार के पक्ष में एक पंक्ति का विश्वास मत पेश किया था. 

इस दौरान उन्होंने बीजेपी(BJP) पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगाया और कहा कि केंद्र की मोदी सरकार देश के आधे राज्यों की सरकारों को गिराना चाहती है. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा," BJP ने देश में लोकतंत्र खत्म कर दिया गया है. तंत्र खत्म हो गया है सिर्फ लोग बचे हैं. विधायकों को खरीदने की बात सिर्फ बीजेपी करती है. अब हाउस के अंदर के अंदर ताकत दिखाएंगे."

उन्होंने कहा, "इस राज्य में अनिश्चितता का माहौल खड़ा किया जा रहा है राज्यपाल के द्वारा. UPA के डेलिगेशन को महामहिम द्वारा कहा गया है कि वे चुनाव आयोग के पत्र पर 2-3 दिन में निर्णय लेंगे. लेकिन वे पिछले दरवाजे से दिल्ली चले गए. इसलिए हम विश्वासमत लाए कि देखो हमारे पास जनता का विश्वास है. आपको लगता है कि जो चाहेंगे कर लेंगे लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है."

राज्य की मौजूदा सरकार में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा(JMM) कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल(RJD) के विधायकों के अलावा CPI(ML) के विधायक ने भी विश्वास मत के पक्ष में वोट दिया. इससे पहले विधानसभा में इस प्रस्ताव पर के घंटे तक बहस हुई. इसमें पक्ष-विपक्ष के विधायक शामिल हुए. राज्य की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी(BJP) ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. लेकिन उनके विधायक वोटिंग से पहले वॉकआउट कर सदन से बाहर चले गए.

झारखंड में सियासी उठापटक की स्थिति चुनाव आयोग(Election Commission) द्वारा राज्यपाल रमेश बैस को बंद लिफाफे में भेजी गई उस चिट्ठी के बाद पैदा हुई जिसमें आयोग ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन(Jharkhand CM Hemant Soren) के ऑफिस ऑफ प्रॉफिट(Office of Profit) मामले में राज्यपाल को अपना मशविरा भेजा है. बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री की विधायकी रद्द करने की सिफारिश की है.

चुनाव आयोग ने पिछली 25 अगस्त को राज्यपाल रमेश बैस को यह पत्र भेजा था. उन्होंने इसपर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है. इस मुद्दे पर उनसे 1 सितंबर को मिलने राज्यभवन गए UPA(United Progressive Alliance) के प्रतिनिधिमंडल से राज्यपाल ने कहा था कि उन्हें आयोग का पत्र मिला है और वे इसपर 1-2 दिनों में निर्णय ले लेंगे. इसके अगले दिन ही दिल्ली चले गए. बे अभी दिल्ली से वापस रांची नहीं लौटे हैं. उनकी दिल्ली यात्रा निजी वजहों से बताई जा रही है. नतीजतन चुनाव आयोग के पत्र पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका. इस कारण झारंखड में सियासी हलचल है.

इसके अगले ही दिन वे दिल्ली चले गए. वे अभी दिल्ली से वापस रांची नहीं लौटे हैं. उनकी दिल्ली यात्रा निजी वजहों से बतायी जा रही है. नतीजतन चुनाव आयोग के पत्र पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. इस कारण झारखंड में सियासी हलचल है. इसके अगले ही दिन वे दिल्ली चले गए. वे अभी दिल्ली से वापस रांची नहीं लौटे हैं. उनकी दिल्ली यात्रा निजी वजहों से बतायी जा रही है. नतीजतन चुनाव आयोग के पत्र पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है. इस कारण झारखंड में सियासी हलचल है.

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