मदरसों को बुलडोजर से गिराए पर AIMIM अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने BJP पर साधा निशाना

असम में 800 मदरसे हटा दिए गए हैं

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असम इस्लामी कट्टरपंथियों का गढ़ बनता जा रहा है. इसमें कोई शक नहीं रह गया है. जब आप चरमपंथियों के पांच मॉड्यूल को ध्वस्त कर देते हैं और पांच बांग्लादेशी नागरिकों का कोई अता-पता नहीं मिलता, तब आप स्थिति की गंभीरता को समझ सकते हैं.

दिसपुर - हाल ही में नार्थ ईस्ट के राज्य असम(Assam) में मदरसों को बुलडोजर से गिराया जा रहा है. जिसको लेकर AIMIM(The All India Majlis-E-Ittehadul Muslimeen) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी(Asaduddin Owaisi) ने असम सरकार पर जमकर निशाना साधा है.

मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि असम की हिमंत बिस्वा सरमा(Himanta Biswa Sarma) की सरकार ने मदरसों को सिर्फ 12 घंटे का समय दिया था, जबकि वो वहां पर तीन साल से था. ऐसे में 260 छात्रों को पूरा दिन पड़ोसियों के साथ रहना पड़ा था. उन्होंने आगे कहा कि अगर मदरसे में पढ़ाने वाले टीचर पर आरोप लगे हैं तो उनको कोर्ट में प्रूव कीजिये, मदरसों को क्यों तोड़ा जा रहा है.


दरअसल पिछले कुछ दिनों में असम सरकार ने 3 मदरसे गिराए हैं. दो दिन पहले बुधवार को ही स्थानीय प्रसासन ने बोंगाईगांव जिले में मरकजुल मा-आरिफ़ कुरियाना मदरसे(Markazul Ma'Arif Quariayana Madrassa) को गिराया गया था. इन मदरसों पर सरकार ने जिहादी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है.

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इतना ही नहीं असम में कथित चरमपंथी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में कई लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. जिसके बाद इन मदरसों के खिलाफ ये कार्रवाई हुई है. इससे पहले 29 अगस्त को होउली में जमीउल हुदा एकेडमी(Jamiul Huda Islamic Academy) के नाम से चल रहे मदरसे को तोड़ दिया दिया गया था. 4 अगस्त को मोरीगांव में भी इसी नाम से चल रहे एक और मदरसे को गिराया गया था.

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पिछले कुछ दिनों से असम में मदरसों को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा(CM Hemant Biswa Sarma) ने बताया कि राज्य में 800 मदरसे हटा दिए गए हैं. उन्होंने कहा था कि अभिभावकों से मदरसों और उन पर पढ़ाए जाने वाले विषयों पर नजर रखने को कहा गया है. 

उन्होंने कहा था, "असम इस्लामी कट्टरपंथियों का गढ़ बनता जा रहा है. इसमें कोई शक नहीं रह गया है. जब आप चरमपंथियों के पांच मॉड्यूल को ध्वस्त कर देते हैं और पांच बांग्लादेशी नागरिकों का कोई अता-पता नहीं मिलता, तब आप स्थिति की गंभीरता को समझ सकते हैं."

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मदरसों को बुलडोजर से गिराए जाने पर ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट(AIUDF) के चीफ बदरुद्दीन अजमल ने भी असम सरकार पर सवाल उठाए थे. गुरुवार, 1 सितंबर को उन्होंने कहा था कि साल 2024 के लोकसभा चुनावों के चलते ये मदरसों और मुस्लिमों पर हमले बढ़ने लगे हैं.

बता दें कि असम में 2 तरह के मदरसे हैं. एक प्रोविंसलाइज्ड(Provincialised Madrassa), जो पूरी तरह सरकारी फंड से चलते हैं और दूसरा खेराजी(Khareji), जिसे प्राइवेट संगठन चलाते हैं.असम सरकार 614 मदरसे चलाती है, जबकि राज्य में करीब 900 प्राइवेट मदरसे चल रहे हैं. इसके साथ ही राज्य में लगभग 100 सरकारी संचालित संस्कृत आश्रम हैं और 500 प्राइवेट केंद्र हैं. सरकार हर साल मदरसों पर लगभग तीन से चार करोड़ रुपये खर्च करती है जबकि लगभग 1 करोड़ रुपये संस्कृत केंद्रों पर खर्च होता है.

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