केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा - कॉलेज के दिनों में तोड़ते थे ट्रैफिक रूल्स, नंम्बर प्लेट हाथ से छुपाते थे

साइरस मिस्त्री की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है, वो मेरे अच्छे दोस्त थे
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वही कंपनी जब विदेश में अपनी कार का निर्यात करती है तो उसमें 6 एयरबैग्स लगाए जाते हैं. लेकिन उसी कार को जब लोकल लोगों के इस्तेमाल के लिए बनाया जाता है तो इसमें सिर्फ 4 एयरबैग्स लगाए जाते हैं. केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा, "क्या गरीबों की जिंदगी महत्वपूर्ण नहीं है?

नई दिल्ली - केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री व राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी अपनी किस्सागोई के जाने जाते हैं. एक ताजा इंटरव्यू में उन्होंने सड़क एक्सीडेंट में हो रही मौतों पर चिंता जाहिर करते हुए ट्रैफिक रूल्स को लेकर किस्से सुनाए.  उन्होंने कहा कि जवानी के दिनों में वे भी ट्रैफिक रूल्स तोड़ते थे. 

एक मीडिया चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने गाड़ियों को आधुनिक सुरक्षा व्यवस्थाओं से लैस करने की बात कही. इसके साथ ही कार बनाने वाली कंपनियों पर भी सवाल उठाये. नितिन गडकरी ने कहा कि वही कंपनी जब विदेश में अपनी कार का निर्यात करती है तो उसमें 6 एयरबैग्स लगाए जाते हैं. लेकिन उसी कार को जब लोकल लोगों के इस्तेमाल के लिए बनाया जाता है तो इसमें सिर्फ 4 एयरबैग्स लगाए जाते हैं. केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा, "क्या गरीबों की जिंदगी महत्वपूर्ण नहीं है?"

गडकरी(Nitin Gadkari) ने बीते 4 सितंबर को टाटा ग्रुप के पूर्व चैयरमेन साइरस मिस्त्री(Cyrus Mistry) की एक सड़क दुर्घटना में हुई मौत के संदर्भ में ये टिप्पणी की. उन्होंने कहा, "साइरस मिस्त्री की मौत दुर्भाग्यपूर्ण है, वो मेरे अच्छे दोस्त थे.."

नितिन गडकरी ने बताया कि जवानी के दिनों में वो खुद ट्रैफिक रूल्स(Traffic Rules) को तोड़ते थे. हालांकि उन्होंने बताया कि उस समय उन्हें इसका एहसास नहीं था कि ये कितना खतरनाक था. अपने कॉलेज के दिनों का किस्सा बताते हुए गडकरी ने कहा कि चुनाव के समय पर वो एक स्कूटर पर 4 लोगों के साथ बैठकर घूमते थे और नंबर प्लेट को हाथ से छिपा लेते थे. ताकि ट्रैफिक पुलिस न देख पाए और वो चालान से बच सकें.

साइरस मिस्त्री की एक्सीडेंट में हुई मौत के बाद गाड़ी में पीछे बैठे लोगों को भी सीट बेल्ट बांधने की सलाह दी जा रही है. वैसे कानून के मुताबिक यह पहले से ही अनिवार्य है. इसे लेकर गडकरी ने कहा कि पीछे बैठे लोगों के लिए भी सीट बेल्ट उतना ही जरूरी है, जितना की आगे बैठे लोगों के लिए.

इसको लेकर केंद्रीय मंत्री गडकरी(Union Minister Nitin Gadkari) ने मुख्यमंत्रियों से जुड़ी एक पुरानी कहानी बताई. उन्होंने बताया कि एक बार वो चार मुख्यमंत्रियों की गाड़ी में बैठकर यात्रा कर रहे थे. लेकिन उन्होंने देखा कि सीट बेल्ट लगाने वाली सॉकेट में क्लिप लगी हुई ताकि चेतावनी वाला अलार्म न बजे.

गडकरी ने बताया कि इसे लेकर उन्होंने ड्राइवर को डांटा और क्लिप हटवाई. वहीं सड़क एक्सीडेंट्स को लेकर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भारत में अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है. उन्होंने कहा कि भारत में हर साल करीब 5 लाख एक्सीडेंट्स होते हैं, जिसमें से रोड एक्सीडेंट के कारण 1.5 लाख मौतें होती है. केंद्रीय परिवहन मंत्री ने कहा कि वो चाहते हैं कि साल 2024 तक देश में रोड एक्सीडेंट्स की संख्या घटकर आधी हो जाए.

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