नीतीश कुमार ने की राहुल गांधी से दिल्ली में मुलाकात, विपक्ष के पीएम की दावेदारी पर कही ये बात

मेरी कोई इच्छा नहीं है
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जिस तरह से आजकल राज्यों में सरकार गिराने की कोशिश जो रही हैं, बताइए कौनसा काम हो रहा है. कोई विकास का काम हो रहा है? क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. इससे पहले नीतीश कुमार ने 4 सितंबर को भी विपक्षी एकजुटता की बात दोहराई थी.

नई दिल्ली - बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इन दिनों बिहार में आरजेडी(Rashtriya Janta Dal) व जेडीयू(Janta Dal United) दोनों ही पार्टियां प्रधानमंत्री पद के लिए प्रोजेक्ट करने में लगी हैं. बिहार(Bihar) में उनके समर्थन में नारेबाजी और होर्डिंग लगाए जा रहे हैं. इसी बीच सोमवार, 5 सितंबर को नीतीश कुमार(Nitish Kumar) कांग्रेस नेता राहुल गांधी(Rahul Gandhi) से मिलने दिल्ली पहुंचे. 

दिल्ली पहुंचते ही मीडिया ने नीतीश कुमार से एक बार फिर वही सवाल किया, जो उनसे पिछले दिनों कई बार पूछा जा चुका है. मीडिया ने पूछा क्या वो 2024 लोकसभा चुनाव में विपक्ष के पीएम उम्मीदवार होंगे. नीतीश ने भी वही जवाब दोहरा दिया कि उनकी प्रधानमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है. हालांकि उनके दिल्ली दौरे को 'विपक्षी एकजुटता के अभियान' के तौर पर देखा जा रहा है.

दिल्ली पहुंचने के बाद विपक्षी एकजुटता पर नीतीश कुमार ने मीडिया से कहा, "मैंने शुरु से कहा है कि अधिक से अधिक विपक्षी दल अगर एकजुट हो जाएंगे, तो यह एक बहुत अच्छा माहौल होगा. यह सबलोगों कि इच्छा पर है. अन्य पार्टियों से बातचीत होगी तो सबकुछ सामने आएगा. मेरी कोई इच्छा(प्रधानमंत्री बनने की) नहीं है. मेरी सिर्फ एक ही इच्छा है कि अधिक से अधिक विपक्षी पार्टियां साथ आ जाएं."
 
इसके साथ ही नीतीश कुमार ने BJP पर भी निशान साधा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से आजकल राज्यों में सरकार गिराने की कोशिश जो रही हैं, बताइए कौनसा काम हो रहा है. कोई विकास का काम हो रहा है? क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है. इससे पहले नीतीश कुमार ने 4 सितंबर को भी विपक्षी एकजुटता की बात दोहराई थी.

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने 5 सितंबर की शाम राहुल गांधी से भी मुलाकात की. अगले दिन यानी 6 सितंबर को वे लेफ्ट पार्टियों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे. बिहार में NDA छोड़ महागठबंधन की सरकार बनने के बाद ये उनका पहला दिल्ली दौरा है. दिल्ली निकलने से पहले उन्होंने RJD के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व में बिहार के मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव से भी पटना में मुलाकात की.

बता दें कि हाल ही में तेलंगाना के सीएम KCR(K. Chandrashekhar Rao) ने भी पटना में उनसे मुलाकात की थी. KCR पिछले कुछ सालों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धुर विरोधी रहे हैं. वो खुद विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश में हैं, हालांकि कांग्रेस के साथ उनकी ट्यूनिंग कम ही बनती है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी को लेकर जब नीतीश कुमार से सवाल पूछे गए थे तो KCR ने नीतीश कुमार का समर्थन किया था.

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