दो दिन बाद बंद हो जाएगा ये बैंक, तुरंत अपना पैसा निकाल लें

रिजर्व बैंक ने अगस्त में ही बैंक लाइंसेंस रद्द करने का फैसला किया था
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जिन ग्राहकों के अकॉउंट में 5 लाख रुपये से ज्यादा की रकम है उन्हें पूरी रकम नहीं मिल सकेगी. DICGC सिर्फ पांच लाख रुपये तक की रकम की भरपाई करेगा. कुल मिलाकर पांच लाख रुपये तक की रकम नहीं डूबेगी.

नई दिल्ली - दो दिन बाद देश का एक और बैंक को-ऑपरेटिव बैंक बंद होने वाला है. खबर है कि 22 सितंबर से पुणे के रूपी सहकारी बैंक(Rupee Co-Operative Bank Ltd) पर ताला लगने वाला है. बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने की वजह से इस बैंक को बंद करने के निर्देश दिए गए हैं. इस खबर के बाद बैंक खाता धारकों के दिमाग में कई तरह के सवाल हैं.

RBI(Reserve Bank of India) ने आदेश में कहा है कि अगर किसी का इस बैंक में अकाउंट है तो उसमें जमा सारे पैसे को तुरंत निकाल लीजिए. 22 सितंबर के बाद आप अपने खाते से पैसे नहीं निकाल पाएंगे. RBI के मुताबिक रूपी सहकारी बैंक लिमिटेड की वित्तीय स्थिति बहुत खराब थी और बैंक के पास पूंजी नहीं बची थी. इस वजह से केंद्रीय बैंक ने इसका बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया. रिजर्व बैंक ने अगस्त में ही बैंक लाइंसेंस रद्द करने का फैसला किया था और इस बारे में ग्राहकों को सूचित कर दिया था.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने रूपी को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर बैंकिंग  नियमों की अनदेखी करने के चलते ये बड़ी कार्रवाई की है. रूपी सहकारी बैंक का बैंकिंग लाइंसेंस इस वजह से रद्द कर दिया गया क्योंकि बैंक में पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावना नहीं थी.

रिजर्व बैंक ने 10 अगस्त को प्रेस रिलीज जारी कर इस बारे में जानकारी दी थी. इसमें बताया गया था कि रूपी सहकारी बैंक लिमिटेड का बैंकिंग लाइंसेंस 6 हफ्ते के बाद रद्द कर दिया जाएगा. इसके बाद बैंक की सभी ब्रांच बंद हो जाएंगी और ग्राहक अपने खाते से पैसे नहीं निकाल पाएंगे. 22 सितंबर से रिजर्व बैंक के आदेश प्रभावी हो जाएंगे और रूपी सहकारी बैंक का कामकाज बंद हो जाएगा.

रूपी सहकारी बैंक लिमिटेड में जिन ग्राहकों के पैसे जमा हैं उन्हें पांच लाख रुपये तक के डिपॉजिट पर बीमा कवर का बेनेफिट मिलेगा. ये बीमा इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन(DIGCG) की तरफ से मिल रहा है. DICGC भी रिजर्व बैंक की एक सब्सिडियरी है.

ये को-ऑपरेटिव बैंक के ग्राहकों को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है. जिन लोगों का पांच लाख रुपये तक का फंड रूपी सहकारी बैंक में जमा है उसे DICGC की तरफ से पूरा क्लेम मिलेगा.

जिन ग्राहकों के अकॉउंट में 5 लाख रुपये से ज्यादा की रकम है उन्हें पूरी रकम नहीं मिल सकेगी. DICGC सिर्फ पांच लाख रुपये तक की रकम की भरपाई करेगा. कुल मिलाकर पांच लाख रुपये तक की रकम नहीं डूबेगी.

बता दें कि बैंकिंग के कुछ प्रावधानों का सही से पालन नहीं करने के चलते हाल ही में रिजर्व बैंक ने 3 सहकारी बैंकों पर 1.50 लाख तक का जुर्माना लगाया था. ग्वालियर डॉ आंबेडकर नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित पर डेढ़ लाख रावी कमर्शियल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर 1 लाख और विदिशा के नागरिक सहकारी बैंक मर्यादित पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगा था. पिछले महीने अलग अलग कार्रवाइयों में दर्जनों सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाया था.

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