सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज ने कहा - अगर मैं कह दूं कि मुझे पीएम पंसद नहीं, अगले दिन मेरे घर छापे पड़ सकते हैं

नई दिल्ली - सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस बीएन श्रीक़ृष्ण(Justice BN Shrikrishna) ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि देश में अभिव्यक्ति की आजादी की कमी है, ये बहुत खराब है, इस पर केंद्रित कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर पलटवार किया है.
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट कर कहा," अगर अभिव्यक्ति की आजादी की कमी है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गाली देने वालों को लेकर आप क्या कहेंगे? उन्होंने आगे कहा कि मशहूर और चुने गए प्रधानमंत्री को जो लोग गाली देते हैं वो अभिव्यक्ति की आजादी का रोना रो रहे हैं.
दरअसल एक अखबार को दिए इंटरव्यू में जज श्रीकृष्णा ने कहा था," आज हालात बहुत खराब है ,मुझे स्वीकार करना होगा अगर मैं एक सार्वजनिक चौक पर खड़ा होता और कहता कि मुझे प्रधानमंत्री का चेहरा पसंद नहीं है तो कोई मेरे घर पर छापा मार सकता है. मुझे गिरफ्तार किया जा सकता है और एक मुझे बगैर कोई वजह बताएं जेल में डाला जा सकता है. अब तक एक चीज है जिसका हम सभी को एक नागरिक के तौर पर विरोध करना चाहिए."
Those people who speak all the time without any restrictions to abuse the popularly elected Prime Minister are crying about freedom of expression ! They will never talk about emergency imposed by congress party and never dare to criticise some Regional Party CMs. https://t.co/LSfwbxLYbx
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 3, 2022
कानून मंत्री किरण रिजिजू रिटायर्ड जस्टिस श्री कृष्णा के इस बयान से काफी गुस्से में दिखे. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद करने वाले लोग इंदिरा गांधी सरकार के वक्त साल 1975 में देश में लगाए गए आपातकाल(1975 Emergency in India) पर क्या कहेंगे?
उन्होंने ट्वीट किया, "वह लोग जो हर समय बगैर किसी प्रतिबंध के लोकप्रिय निर्वाचित प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi)को गाली देने के लिए बोलते हैं वो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के बारे में रो रहे हैं! कांग्रेस(Congress) पार्टी के बारे में कभी बात नहीं कहेंगे और कि क्षेत्रीय पार्टियों के मुख्यमंत्रियों की आलोचना करने की हिम्मत जुटा पाएंगे."
I don't know if a former judge of the Supreme Court has actually said this. If it's true then the statement itself is demeaning the institution he has served.
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) September 3, 2022
हालांकि इसके बाद उन्होंने(Union Law Minister Kiren Rijiju) ट्वीट कर कहा - मुझे नहीं पता सुप्रीम कोर्ट के किसी जस्टिस ने वास्तव में ऐसा कहा है या नहीं अगर यह सच है तो यह बयान अपने आप में उस संस्था को नीचे दिखाने वाला है, जिसकी उन्होंने सेवा की है.